अप्रैल के पहले सप्ताह में ही नूंह जिले समेत मेवात क्षेत्र में भीषण गर्मी ने दस्तक दे दी है. इस समय तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है और मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार गर्मी के नए रिकॉर्ड बन सकते हैं. खास तौर पर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच गर्मी का असर ज्यादा महसूस किया जा रहा है. इस बढ़ती गर्मी से लोग परेशान हैं, क्योंकि अभी तो गर्मी की शुरुआत ही हुई है और आगे क्या होगा, यह सवाल हर किसी के मन में है.
गर्मी की वजह से लोग घरों से कम ही निकल रहे हैं, जिसके कारण बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. गर्मी का असर आम लोगों के साथ-साथ कामकाजी जीवन पर भी पड़ रहा है. कामकाजी लोगों को गर्मी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और कई लोग दोपहर में बाहर काम करने से बच रहे हैं. डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक इस भीषण गर्मी में जितना हो सके पानी और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए और बाहर निकलते समय सिर को ढककर रखना चाहिए और पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए.
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डॉक्टरों का कहना है कि गर्मी के मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसके अलावा फ्रिज का पानी पीने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे सर्दी-खांसी हो सकती है. इसकी जगह मिट्टी के घड़े का पानी पीना चाहिए, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. गर्मी के कारण मौसमी बीमारियां भी बढ़ रही हैं और डॉक्टरों का कहना है कि इस समय सावधानी बरतना बहुत जरूरी है.
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गर्मी का असर आम लोगों पर ही नहीं बल्कि किसानों पर भी पड़ रहा है. इस समय किसान अपनी गेहूं की फसल की कटाई और मड़ाई में व्यस्त हैं, लेकिन उन्हें गर्मी के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा कुछ किसान अनाज बेचने के लिए बाजारों का रुख कर रहे हैं, जहां उन्हें भीषण गर्मी के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को इस गर्मी में अपनी फसल और अन्य कृषि कार्यों के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है.
मौसम विज्ञानियों के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में और वृद्धि होने की संभावना है. अप्रैल की शुरुआत में ही मौसम का यह बदलता रूप इस बात का संकेत है कि इस बार गर्मी का असर पहले से अधिक तीव्र और लंबे समय तक रहेगा. इन बदलावों को देखते हुए स्थानीय लोगों और प्रशासन को गर्मी से बचाव के उपायों के साथ तैयार रहने की जरूरत है.
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