नवंबर महीने में पूरे देश में 77 परसेंट तक बारिश होने का अनुमान है. दक्षिण भारत के अधिकांश हिस्सों, उत्तर भारत, पूर्व मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. देश के बाकी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. उत्तर भारत और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर जहां सामान्य अधिकतम तापमान होने की संभावना है. देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है. इसी प्रकार देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.
अभी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर पर मध्यम अल नीनो स्थितियां प्रचलित हैं और हिंदा महासागर पर इंडियन ओशन डाइपोल सिस्टम एक्टिव है. ऐसे में पूर्वानुमानों में संकेत दिया गया है कि अल-नीनो की स्थितियां अगले सीजन के दौरान जारी रहने की संभावना है और आगामी महीनों के दौरान इंडियन ओशन डाइपोल स्थितियां कमजोर होने की संभावना है.
एक प्रेस कॉन्फ्रें में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि नवंबर में पूरे देश में बारिश सामान्य होने की संभावना है जो कि लंबी अवधि के औसत का 77-123 प्रतिशत रहेगी. उन्होंने कहा कि प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणी हिस्सों के कुछ इलाकों, उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों और पूर्व-मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है.
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आईएमडी ने कहा कि नए वैश्विक पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि सीजन के दौरान अल नीनो की स्थिति जारी रहने की संभावना है और आने वाले महीनों के दौरान सकारात्मक आईओडी की स्थिति कमजोर होने की संभावना है. हालांकि, महापात्र ने कहा कि मॉडल से पता चलता है कि अगले मॉनसून सीज़न में अल नीनो की स्थिति जारी रहने की संभावना नहीं है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को कहा कि इस साल अक्टूबर में दक्षिण भारत के मुख्य क्षेत्र में पूर्वोत्तर मॉनसून की बारिश 1901 के बाद छठी सबसे कम बारिश थी. इसमें यह भी कहा गया है कि 1980 से 2022 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि तमिलनाडु और इसके आसपास के इलाकों में उत्तर-पूर्वी मॉनसून की बारिश शुरू होने में देरी की ओर इशारा है.
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आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, "अक्टूबर में दक्षिण प्रायद्वीप के मुख्य क्षेत्र (तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, तमिलनाडु और पुडुचेरी, दक्षिण आंतरिक कामताका और केरल के पांच उपविभागों) में पूर्वोत्तर मॉनसून वर्षा 1901 के बाद छठी सबसे कम थी." उन्होंने कहा कि अल नीनो और पॉजिटिव हिंद महासागर डाइपोल वाले वर्षों में, तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्रों में अक्टूबर के महीने में कम वर्षा होती है.
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