अगस्त का पहला हफ्ता अब तक का सबसे ज़्यादा बारिश वाला हफ्ता बन गया है. 01 से 07 अगस्त के बीच पूरे भारत में 44 परसेंट से ज़्यादा बारिश हुई है. इस हफ़्ते कुल 92.1 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य तौर पर 63.8 मिमी बारिश होती है. देश के अलग-अलग क्षेत्रों में सामान्य से ज़्यादा बारिश दर्ज की गई है. अगस्त की शुरुआत में अच्छी बारिश की वजह से देशभर में बारिश की कमी अब घटकर सिर्फ़ 18 परसेंट रह गई है. जबकि जुलाई के आखिर में यह आंकड़ा 25 परसेंट था. इससे पहले जुलाई के मध्य में बारिश की कमी बढ़कर 30 परसेंट से ज़्यादा हो गई थी.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 1-7 अगस्त के दौरान देश में 92.1 मिमी बारिश हुई, जबकि इस अवधि के लिए 63.8 मिमी बारिश सामान्य मानी जाती है. उत्तर-पश्चिम मौसम विज्ञान सेक्शन जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं, में इस महीने के पहले सप्ताह में 50 मिमी एलपीए के मुकाबले 68 प्रतिशत अधिक 84.2 मिमी वर्षा हुई.
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झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य मानी जाने वाली 73.3 मिमी बारिश से 63 प्रतिशत अधिक यानी 119.6 मिमी बारिश दर्ज की गई. गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और गोवा सहित मध्य भारत में इस महीने 109.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 82.1 मिमी के एलपीए से 33 प्रतिशत अधिक है.
वहीं केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना वाले प्रायद्वीप में 1-7 अगस्त के बीच 52.3 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य 46.7 मिमी से 12 प्रतिशत अधिक है. आईएमडी ने कहा कि बुधवार को ही 34 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश दर्ज की गई, जिससे देश में चालू मॉनसून सीजन में 7 अगस्त तक 45.9 मिमी बारिश हुई, जो एलपीए 509.6 मिमी से 7.1 प्रतिशत अधिक है. इस मौसम में अब तक मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्व दोनों उप-विभागों में 100 प्रतिशत से कम वर्षा दर्ज की गई है, जबकि उत्तर-पश्चिम और दक्षिण में 100 प्रतिशत से अधिक वर्षा हुई है.
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36 मौसम विज्ञान सेक्शन में से अब केवल सात में ही कम वर्षा हुई है. हरियाणा, पंजाब, बिहार, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम उन नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं, जहां अभी भी बारिश कम हुई है.
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने 2 जुलाई को पूरे देश को कवर कर लिया, जो तय समय से छह दिन पहले था, जिससे किसानों को अपनी बुवाई गतिविधियों में तेज़ी लाने में मदद मिली. आईएमडी ने अगस्त-सितंबर में "सामान्य से ज़्यादा" बारिश की भविष्यवाणी की है.
अगले दस दिनों में बारिश का पैटर्न पिछले ट्रेंड से बदल जाएगा. राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में मॉनसून सक्रिय रहेगा. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी कुछ दिनों में अच्छी मॉनसूनी बारिश होगी. खासकर, दक्षिण प्रायद्वीप, मध्य और पश्चिमी हिस्से इस बार बारिश में पिछड़ सकते हैं. इन हिस्सों में गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु शामिल होंगे.
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