मौसम ने करवट ली है. इस वजह से शनिवार देर रात से बिहार की राजधानी पटना समेत कई जिलों में हल्की से तेज बारिश दर्ज की गई है. वहीं बारिश होने से पहले तेज आंधी की वजह से कई पेड़ उखड़ गए. करीब 11:00 बजे पटना, मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों में बारिश शुरू हुई. वहीं कैमूर जिले में शाम के समय हल्की बारिश हुई. मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने सूबे में आंधी पानी का अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि आने वाले अगले 48 घंटे तक तेज हवा के साथ बारिश हो सकती है. वहीं 21 मार्च तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा. इस बीच जिले में कई जगह ओलावृष्टि हो सकती है. इस दौरान हवा की रफ्तार राज्य के कुछ जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक बह सकती है.
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बारिश से एक तरफ जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली. वहीं पटना समेत अन्य जिलों में शनिवार को हुई बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. अगर राजधानी पटना की बात किया जाए तो शनिवार को दोपहर तक तेज धूप रहा. शाम आते आते आसमान में बादल घिरने के साथ हवा बहने लगी. और देर रात जमकर बारिश शुरू हो गई. इसके साथ ही कैमूर,वैशाली, बक्सर, रोहतास समेत अन्य जिलों के कई स्थानों पर हल्की तो कहीं तेज बारिश हुई. बेमौसम बारिश से गेहूं,सरसों, आम,लीची सहित अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंच रहा है.
मौसम विभाग ने रविवार को भी तेज आंधी के साथ बारिश का अनुमान लगाया है. राज्य के करीब सभी जिलों में बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया गया. जिनमें से पूर्णिया,अररिया, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर,कटिहार और शिवहर, कैमूर,रोहतास, औरंगाबाद समेत कई जिलों के कुछ जगहों पर हल्की बारिश तो कहीं तेज बारिश होने का अनुमान है. इस दौरान कई जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा का प्रभाव भी बना रहेगा. सोमवार को सीतामढ़ी,दरभंगा, मुजफ्फरपुर, शिवहर, मधुबनी समेत अन्य जिलों में भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है. औरंगाबाद और सिवान जिले में तत्कालिक ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है. बेमौसम बारिश होने खड़ी फसल बर्बाद होने से किसान काफी चिंतित हैं.
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बीते तीन दिनों से तेज आंधी के साथ हो रही बारिश और ओलावृष्टि से बिजली के खंभे गिर गए हैं. बारिश के दौरान शिवहर, सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण में कई जगहों की बिजली बाधित हो गई है. बिजली आपूर्ति जल्द से शुरू करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों सलाह दिया है कि अगले 4 से 5 दिनों तक बारिश होने की संभावना है. इस बीच में किसान गरमा फसल की बुआई या तैयार फसल की कटाई नहीं करे. अगर कोई किसान गरमा सब्जी की खेती अभी तक नहीं किया है तो वह इस बीच खेती न करे. वर्षा खत्म होने के अविलंब सब्जी की बुआई व रोपाई कर सकते हैं. साथ ही गरमा फसल में उड़द, मूंग, ओल की खेती को रोक दें.
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