मार्च के महीने में मौसम ने किसानों को काफी कष्ट पहुंचाया है. राजस्थान में इस महीने छह पश्चिमी विक्षोभों के चलते लगभग हर तीन-चार दिन में बारिश और कई दिन ओलावृष्टि हुई है. गुरूवार को भी देर शाम जयपुर सहित कई जिलों में 10 एमएम तक बारिश हुई. इस बारिश से खेतों में कटने के लिए तैयार खड़ी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है. शुक्रवार सुबह धूप खिली, लेकिन दोपहर होते-होते आसमान में काले बादल मंडराने लगे हैं.
हल्की ठंडी हवा चल रही हैं. मौसम केन्द्र का कहना है कि शुक्रवार को भी पश्चिमी विक्षोभ का असर प्रदेशभर में रहेगा. इसीलिए किसान इसकी तैयारी कर के रखें.
इस महीने बारिश और ओलावृष्टि के कारण पिछले दो सालों की तुलना में इस साल मार्च सबसे ठंडा रहा. वहीं, पिछले 50 साल में इस साल मार्च में 300 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. इसके उलट जयपुर के मौसम केन्द्र ने मार्च के शुरूआत में लू चलने का पूर्वानुमान लगाया था. लेकिन लगातार पश्चिमी विक्षोभ के कारण खेती को इस बार काफी नुकसान हुआ है. लगातार बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.
जयपुर मौसम केन्द्र की शुक्रवार सुबह जारी हुई रिपोर्ट के अनुसार जयपुर, अलवर, झुंझुनूं, सिरोही, चित्तौड़गढ़, भरतपुर, उदयपुर, टोंक, धौलपुर, राजसमंद, सीकर और दौसा जिलों में बारिश दर्ज हुई है. इनमें जयपुर के कोटपूतली में चार एमएम, जयपुर दो, शाहपुरा में एक मिमी से लेकर 10 एमएम तक बरसात हुई है.
इसके अलावा नीमराना और बहरोड़ में तीन एमएम, खेतड़ी दो, माउंट आबू दो, भोपालसागर एक तक बारिश दर्ज हुई. सबसे अधिक बारिश अलवर में 13.2 एमएम, पिलानी केन्द्र पर 9.1, जयपुर में 8.4, बूंदी 9, डबोक 7.2 एमएम, धौलपुर में 9.5, सिरोही 9, गंगानगर 18.8 एमएम, फलोदी 5.2, बांसवाड़ा में पांच एमएम तक बारिश रिकॉर्ड हुई है.
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मौसम केन्द्र, जयपुर ने खराब मौसम के चलते किसानों के लिए एडवायजरी भी जारी की है. केन्द्र संभागवार भी चेतावनी जारी करता है. इसके अनुसार जोधपुर क्षेत्र में गेहूं और जीरे के लिए कहा गया है कि किसान गेहूं को काटकर किसी ऊंचे स्थान पर रखें. साथ ही किसी भी तरह के रासायनिक छिड़काव नहीं करें. इसके अलावा जहां जीरा पक चुका है, उसकी कटाई की जा सकती है. साथ ही फसलों को ढंककर रखें.
केन्द्र ने जायद की फसलों में शुमार टमाटर किसानों के लिए भी एडवायजरी जारी की है. इसके अनुसार पौधों की रोपाई से पहले खेत में 60 किलो नत्रजन, 80 किलो फास्फोरस और 60 किलो फास्फोरस प्रति हेक्टेयर में अंतिम जुताई के समय मिला दें.
पौधा रोपाई के समय एक-दूसरी कतार में 60 सेमी और पौधों के बीच दूरी 50 सेमी तक रखें. इसी तरह अन्य फसलों में किसान कटाई कर उपज को ऊंचे स्थान पर तिरपाल से ढंक कर रखें और किसी तरह के प्रेस्टीसाइड का छिड़काव नहीं करें.
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