पश्चिमी हिमालय पर सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली-एनसीआर समेत देश और खासकर उत्तर भारत के कई राज्यों में मौसम में बदलाव हुआ है. बुधवार से शुरू हुई बारिश गुरुवार को भी जारी रही. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाला वीकेंड काफी सुहावना रहने वाला है. कल हुई तेज़ आंधी और बारिश के कारण कई जगह पेड़ टूट गए. वहीं, कई जगहों पर जमकर ओले भी गिरे हैं. इससे गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है. वहीं तापमान में अचानक 13 डिग्री की गिरावट आई और यह 33 डिग्री से गिरकर 20 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है. ऐसे में आज देशभर में कैसा रहेगा मौसम, पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) की 14वीं किस्त, MSP पर रबी फसलों की खरीदारी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और खेती-किसानी से जुड़ी हर अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Live Updates)-
मौसम विभाग ने यूपी में फतेहपुर और प्रयागराज जिलों में कुछ स्थानों पर शाम 6:30 बजे तक चक्रवाती हवाएं और ओलावृष्टि होने का रेड अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा फतेहपुर, उन्नाव, प्रयागराज और कानपुर नगर जिलों में कुछ स्थानों पर 87 किमी प्रति घंटे की गति से तूफानी हवाएं चलने और तेज बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. वहीं बांदा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, कानपुर देहात, औरैया और इटावा जिलों में कुछ स्थानों पर 60 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं एवं हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया है.
कपास फसल में गुलाबी सुण्डी,सफेद मक्खी,पत्ता मरोड़ रोग जैसी अनेक समस्याओं का समाधान के प्रबंधन के लिए रणनीति बनाने पर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में प्री-सीजन रिव्यू मीटिंग का आयोजन किया गया.इस मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बी.आर.काम्बोज ने कृषि वैज्ञानिको से कहा कि समय-समय पर कपास पर आधारित संयुक्त एडवाइजरी जारी करते रहें, ताकि किसानों को कपास से संबंधित किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े इस मीटिंग में हरियाणा,पंजाब व राजस्थानमें कपास की आगामी स्थिति पर मंत्रणा कर रणनीति तैयार की गई.
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प्राकृतिक रबर की खेती केरला के बाहर भी होनी चाहिए. इससे अन्य राज्यों के किसानों को फायदा होगा. अभी प्राकृतिक रबर की खेती केरला आसपास के इलाकों तक सीमित है. अन्य जगहों पर इसकी खेती शुरू होने से किसानों को वैकल्पिक कमाई का जरिया भी मिलेगा. इससे किसानों के एक बड़े समूह को फायदा हो सकता है. केरला में अभी 5.5 लाख हेक्टेयर में प्राकृतिक रबर की खेती की जाती है. लेकिन अगले 10-15 साल में इसमें 8-10 फीसद की गिरावट आएगी. यही वजह है कि केरला के बाहर भी प्राकृतिक रबर की खेती बढ़ाने की सलाह दी जा रही है.
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मौसम विभाग ने यूपी के बांदा, फतेहपुर, चित्रकूट और हमीरपुर जिलो एवं इनके आसपास के इलाकों में आज शाम 5:30 बजे तक कुछ स्थानों पर 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने और गरज चमक के साथ हल्की बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया है.
जयपुर में तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी शुरू हुई. मार्च के महीने में मौसम ने किसानों को काफी कष्ट पहुंचाया है. राजस्थान में इस महीने छह पश्चिमी विक्षोभों के चलते लगभग हर तीन-चार दिन में बारिश और कई दिन ओलावृष्टि हुई है.
मार्च के महीने में मौसम ने किसानों को काफी कष्ट पहुंचाया है. राजस्थान में इस महीने छह पश्चिमी विक्षोभों के चलते लगभग हर तीन-चार दिन में बारिश और कई दिन ओलावृष्टि हुई है. गुरूवार को भी देर शाम जयपुर सहित कई जिलों में 10 एमएम तक बारिश हुई. इस बारिश से खेतों में कटने के लिए तैयार खड़ी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है. शुक्रवार सुबह धूप खिली, लेकिन दोपहर होते-होते आसमान में काले बादल मंडराने लगे हैं. हल्की ठंडी हवा चल रही हैं. मौसम केन्द्र का कहना है कि शुक्रवार को भी पश्चिमी विक्षोभ का असर प्रदेशभर में रहेगा. इसीलिए किसान इसकी तैयारी कर के रखें.
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फ्रोजन झींगा (श्रिम्प) की डिमांड विदेशों में भी खूब बढ़ रही है. इसका ताजा उदाहरण है केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट. रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक ही साल 2021-22 में फ्रोजन झींगा का एक्सपोर्ट 32 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 42 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया. फिश एक्सपोर्ट की बात करें तो आठ आइटम के बीच फ्रोजन झींगा एक्सपोर्ट पहले नंबर पर है. झींगा का एक्सपोर्ट जहां पांच अंकों में हो रहा है वहीं बाकी के आइटम चार अंकों पर ही सिमटे हुए हैं. बीते साल 7.28 लाख मीट्रिक टन फ्रोजन झींगा दूसरे देशों को एक्स पोर्ट हुआ है.
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राजस्थान के जालोर जिले में बीज और उर्वरक विक्रेताओं को नियमों के विरुद्ध जाकर व्यापार करना महंगा पड़ गया. कृषि विभाग ने शिकायत मिलने पर छह उर्वरक एवं बीज विक्रेता फर्मों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं. विभाग ने सांचौर और चितलवाना क्षेत्र में छह उर्वरक और बीज विक्रेताओं के लाइसेंस और अथॉराइजेशन पत्र 15 दिन के लिए सस्पेंड कर दिए हैं. ये विक्रेता नियमों के विपरीत जाकर काम कर रहे थे. इस पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने जांच कर 15 दिन के लिए लाइसेंस सस्पेंड करने के साथ-साथ स्पष्टीकरण भी मांगा है.
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मौसम विभाग ने यूपी में आज सुल्तानपुर, बस्ती, फैजाबाद, अंबेडकरनगर और महराजगंज जिलों के कुछ स्थानों पर 40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से तूफानी हवाएं चलने और गरज चमक के साथ हल्की बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
विदेशों में भारत के काबुली चने की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है. यही वजह है कि हाल के महीनों में काबुली चने के निर्यात में बहुत मजबूती देखी जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में पिछले साल की तुलना में भारत से काबुली चने का निर्यात दोगुना तक बढ़ा है. व्यापार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगले एक साल तक भारतीय काबुली चने के रेट में तेजी बनी रहेगी. ऐसे में देसी बाजारों में इसके भाव बहुत नीचे आने की संभावना कम है. हालांकि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष काबुली चने का उत्पादन बेहतर रहा है. इसके बावजूद रेट में बहुत अधिक गिरावट नहीं रहेगी क्योंकि विदेशी बाजारों में इसकी भारी मांग बनी हुई है.
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मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने और मिट्टी के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करने के लिए पतंजलि योगपीठ द्वारा द्वारा विकसित सॉइल टेस्टिंग इक्विपमेंट का लोकार्पण किया.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में अनोखी घटना सामने आई है. यहां एक किसान ने अपनी खड़ी फसल को ट्रैक्टर चला कर रौंद दिया. कई बीघे में लगी गेहूं की फसल किसान ने इसलिए खुद बर्बाद कर दिए क्योंकि वह आवारा पशुओं से आजीज आ गया था. किसान की शिकायत है कि गेहूं की बालियों को आवारा पशुओं ने चर लिया था जिससे फसल के नाम पर केवल गेहूं के डंठल बचे थे. ऐसे में किसान के सामने दूसरा कोई विकल्प नहीं था कि वह फसल को बचा कर रखे. अगली फसल की तैयारी भी करनी थी, इसलिए उसने पूरे खेत में ट्रैक्टर चला दिया. मामला खीरी जिले के कफारा गांव का है.
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महाराष्ट्र के किसान अपनी फसलों के गिरते दाम से काफी परेशान हैंं. प्याज के बाद अब सोयाबीन के गिरते दामों ने किसानों की चिंताए बढ़ा दी हैं. किसानों का कहना है कि उन्होंने अच्छे दाम की चाहत में सोयाबीन की फसल को दो-तीन महीने पहले कटाई कर अपने घरों में स्टाक किया हुआ था, लेकिन बाजार में अभी भी सोयाबीन की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम चल रही हैं. अधिकतर किसानों का कहना है कि पिछले अप्रैल में सोयाबीन का भाव सात हजार से आठ हजार रुपये प्रति क्विंटल था, लेकिन इस समय सोयाबीन का भाव कई बाजारों में 3500 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि सोयाबीन का एमएसपी खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में 4300 रूपये प्रति कुंतल सरकार ने घोषित किया है.
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क्वीन ऑफ राइस कहे जाने वाले बासमती चावल (Basmati Rice) की भारत में इस वक्त 45 किस्में हैं, जिसमें से करीब 47 फीसदी क्षेत्र पर एक ही वैराइटी का कब्जा है. इसका नाम पूसा बासमती-1121 (PB 1121) है. जाहिर है कि इसमें कुछ तो ऐसा खास होगा जिसकी वजह से यह खाने और उगाने वालों के दिलों पर राज कर रही है. दरअसल, स्वाद और खुशबू से भरपूर यह दुनिया का सबसे लंबा चावल है. इसलिए चावल में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट इसी का होता है. इसका बिना पका चावल 9 एमएम और पकने के बाद 15 से 22 एमएम तक हो जाता है. इसी खासियत की वजह से इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली है. इस किस्म को विकसित करने का श्रेय भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा में जेनेटिक्स डिवीजन के प्रोफेसर रहे डॉ. विजयपाल सिंह को जाता है.
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लखनऊ में तेज हवाओं के साथ फिर शुरू हुई बारिश. गेहूं की खेती कर रहे किसानों के लिए बढ़ी मुश्किलें.
झारखंड में भी आज और कल हल्की और मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना जताई गई है. इसके अलावा मध्य और पश्चिमी झारखंड के जिलों में ओलावृष्टि के साथ साथ तेज हवा का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग ने मौसम को देखते हुए वज्रपात की भी चेतावनी दी है.
शुक्रवार को बिहार में अलर्ट जारी कर दिया गया है. उत्तर-पश्चिम और उत्तर-मध्य बिहार के 12 जिलों के सभी स्थानों पर ओलावृष्टि और वज्रपात होने की संभावना है. वहीं 50 से 60 मिलीमीटर तक की बारिश भी हो सकती है. इसके साथ ही 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है. वहीं सूबे के अन्य सभी जिलों में भी तेज हवा के साथ मेघ गर्जन और वज्रपात के साथ मध्यम स्तर की वर्षा होने का अनुमान लगाया गया है.
बिहार के कैमूर जिले में झमाझम बारिश शुरू हो गई. जहां लोगों को यह मौसम बेहद सुहावना लग रहा है, वहीं दूसरी ओर यह मौसम किसानों को दिन-रात परेशान कर रहा है.
मौसम विभाग द्वारा बारिश की संभावनाओं के बीच से पटना, भोजपुर जिले में यलो एलर्ट घोषित किया गया है. वहीं कैमूर, रोहतास,बक्सर सहित अन्य जिलों के कुछ हिस्सों में बारिश होने की संभावना. कैमूर जिले में सुबह से आसमान में बादल छाए हुए हैं. बेमौसम हो रही बारिश ने किसानों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है.
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