पंजाब में बारिश से भारी तबाही मची है. हजारों लोगों को अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारी बारिश के कई इलाकों में जलभराव हुआ है जिससे लगभग 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है. पिछले तीन दिनों में कई स्थानों पर हालत बदतर हो गई है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब-हरियाणा में मौसमी घटनाओं की वजह से 18 लोगों की मौत हो गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 18 है. इनमें से सात मौतें हरियाणा में हुईं.
सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है, पंजाब में अब तक पटियाला, रूपनगर, मोगा, लुधियाना, मोहाली, एसबीएस नगर और फतेहगढ़ साहिब जिलों से लगभग 10,000 लोगों को निकाला गया है. पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी कई जगह बाढ़ आ गई है और उम्मीद है कि मुख्यमंत्री मनोहल लाल खट्टर सबसे ज्यादा प्रभावित अंबाला जिले का दौरा कर सकते हैं और स्थिति का जायजा ले सकते हैं.
तीन दिन की लगातार बारिश के बाद बुधवार को दूसरे दिन भी क्षेत्र के अधिकांश स्थानों पर मौसम साफ रहा. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक ट्वीट में कहा कि वे बारिश की स्थिति पर नियमित अपडेट ले रहे हैं. उन्होंने पंजाबी में कहा, "सभी बांध सुरक्षित हैं और खतरे के निशान से काफी नीचे हैं. हमारी प्राथमिकता सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को हर तरह की सहायता प्रदान करना है."
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मुख्यमंत्री मान ने कहा, ''उम्मीद है कि आज शाम तक पंजाब में स्थिति में सुधार होगा.'' उन्होंने कहा कि उनकी सरकार लोगों के साथ खड़ी है और किसी भी तरह के नुकसान की भरपाई करेगी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 11 हो गई, जिसमें फरीदकोट जिले से तीन मौतें हुईं. हालांकि, हरियाणा में मरने वालों की संख्या सात है, अधिकारियों ने कहा कि संख्या बढ़ सकती है क्योंकि बुधवार को राज्य में और मौतें दर्ज की गईं.
एक अधिकारी ने कहा, "हरियाणा के अंबाला में तीन शव पाए गए, जबकि जिले में बाढ़ के पानी से गुजरते समय बिजली का झटका लगने से एक और व्यक्ति की मौत हो गई." भारी बारिश अपने पीछे तबाही का मंजर छोड़ गई है, करोड़ों की संपत्ति बर्बाद हो गई है और खेत डूब गए हैं.
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दोनों राज्यों के प्रभावित इलाकों में राहत का काम युद्ध स्तर पर चल रहे हैं. प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी मेडिकल कैंप लगाए गए हैं. घग्गर नदी में दरार की जानकारी लेने के लिए सेना और एनडीआरएफ के साथ संगरूर प्रशासन लगा हुआ है और इस काम में ड्रोन, नाव और अन्य उपकरण तैनात किए गए हैं. हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी बुधवार को अंबाला जिले के हालात का जायजा लिया. ट्रैक्टर चलाकर उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की. लोगों ने बाढ़ के कारण संपत्ति और फसलों को हुए भारी नुकसान से अवगत कराया.
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