हिमाचल प्रदेश में बारिश से दो दिनों तक फिलहाल राहत मिलने वाली है. मौसम विभाग ने आगामी दो दिन तक कुछेक क्षेत्रों में ही बारिश होने की संभावना जताई है. लेकिन 14 जुलाई से फिर से मौसम कड़े तेवर दिखाने वाला है. मौसम विभाग की ओर से 14 जुलाई को एक बार फिर राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में बारिश फिर से कहर बरपा सकती है. बुधवार को हालांकि प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में मौसम साफ रहा. मौसम विभाग की ओर से 14 से 18 जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी रहने की आशंका जताई है.
मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल का कहना है कि प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान कुछ एक क्षेत्रों में ही बारिश हुई है जबकि आगामी दो दिनों तक प्रदेश में बारिश से थोड़ी राहत मिलेगी. इस दौरान कुछ क्षेत्रों में ही बारिश होने की संभावना है जबकि 14 जुलाई से फिर से मॉनसून तेजी से सक्रिय हो जाएगा और प्रदेश के कई हिस्सों में फिर से बारिश का दौर शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि बीते दिनों हुई बारिश के चलते आठ जिलों में रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई है. इसमें सोलन, सिरमौर, शिमला, बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर और ऊना जिला शामिल हैं. इन जगहों पर जुलाई महीने में रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई है.
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इससे पहले इस तरह की बारिश देखने को नहीं मिली है. यही नहीं, किन्नौर और लाहौल स्पीति में जहां मॉनसून में काफी कम बारिश होती थी. इन दो जिलों में भी इस बार जमकर बारिश हुई है और लाहौल स्पिति में बर्फबारी भी हुई है. प्रदेश में मॉनसून की बारिश के चलते नदी नालों में भी पानी का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है. इसके बाद जिला मंडी और कुल्लू में काफी नुकसान भी हुआ है. मौसम विभाग के निदेशक ने कहा कि दो दिन बारिश से राहत मिलने से नदियों के जलस्तर में भी कमी आएगी और मौसम साफ रहने से कुल्लू, लाहौल स्पीति, मंडी में फंसे लोगों को निकालने में भी आसानी होगी. लेकिन 14 जुलाई से फिर से बारिश का दौर शुरू होने वाला है.
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंडी में विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात की समीक्षा की. सांसद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी उनके साथ रहीं. उन्होंने कहा कि तीन दिन तक हुई भारी बारिश से छोटी काशी मंडी में भी काफी नुकसान हुआ है. देवी देवताओं का आशीर्वाद ही है कि प्राचीन मंदिर पंच वक्त्र भयानक आपदा की परिस्थिति में खड़ा रहा. विक्रमादित्य सिंह ने कहा, विपरीत हालातों में भी हमें घबराना नहीं है. मिलकर आगे चलना है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ये राजनीति का समय नहीं है. हमको मिलकर हिमाचल प्रदेश, जिला मंडी व कुल्लू जिला के जन जीवन को दोबारा पटरी पर लाने के प्रयास कर रहे हैं.
दूसरी ओर, हिमाचल पथ परिवहन निगम ने मंगलवार रात शिमला से चलने वाली चंडीगढ़ और दिल्ली की बस सेवा को बंद कर दिया था. स्थिति सामान्य होने पर अब सड़कें बहाल की जा रही हैं. इस बीच हिमाचल पथ परिवहन निगम ने शिमला से दिल्ली और चंडीगढ़ जाने वाली बस सेवा को बहाल कर दिया है. इसके अलावा प्रदेश भर में एक हजार 193 रूट अभी ऐसे हैं, जो फिलहाल बंद पड़े हुए हैं. इसके अलावा 316 बसें सड़क बंद होने की वजह से अलग-अलग रूटों से वापस डिपो वापस नहीं लौट सकी हैं.
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हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के अधिकारी और कर्मचारी लगातार लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं. करीब तीन हजार 500 रूट में से एक हजार 193 रूट अभी बंद हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि आपदा के वक्त एचआरटीसी की कोई बस दुर्घटना की चपेट में नहीं आई. रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के सबसे ज्यादा रूट मंडी और कुल्लू जिला में प्रभावित हैं. जिला कुल्लू में सबसे ज्यादा 334 रूट प्रभावित हुए हैं. सड़क बहाल होने के बाद जल्द से जल्द इन रूटों पर भी बस सेवा को बहाल कर दिया जाएगा.
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