खेती-किसानी के साथ-साथ आजकल लोग मछली पालन (Fish Farming) जैसे काम भी कर रहे हैं. इससे लाखों में मुनाफा भी कमाया जा सकता है. कुछ ऐसा ही कर रही हैं गाजियाबाद जनपद की रहने वाली महिला किसान मंजू कश्यप. उन्हें इससे बंपर फायदा भी मिल रहा है. दुहाई की रहने वाली मंजू ने किसान तक से बातचीत में बताया कि बीते 4 सालों से मैं मछली पालन कर रही हूं. उन्होंने बताया कि मछली पालन एक अच्छा कारोबार है, लेकिन समय के साथ बदलाव करना भी बहुत जरूरी है. वह अपने तालाब में फिलहाल रेहू, ग्लास कार्फ़, सिल्वर, मिर्गन और कातला जैसी आईएमसी मछलियों का पालन कर रही हैं. सर्दी के मौसम के दौरान बाजारों में इन मछलियों की डिमांड अधिक रहती है. उन्होंने कहा कि मेरे तालाब फैक्ट्रियों से घिरे हुए हैं. फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल मछलियों के उत्पादन पर बुरा प्रभाव डालते हैं.
32 साल की सफल महिला किसान मंजू कश्यप ने बताया कि मछली पालन के कारोबार से 8 लाख रुपये की आमदनी एक साल में हो जाती है. उन्होंने बताया कि 50-80 हजार रुपये के करीब मछलियों के बीज डालने में लग जाते हैं. वहीं उनके चारे और रखरखाव में 2 लाख रुपये खर्च हो जाते है. मछलियों की सप्लाई गाजीपुर मंडी में होती है. जो बच जाती है उसे व्यापारी मेरे तलाब के पास से खरीदकर ले जाते हैं. ऐसे मछलियां 100 रुपये से लेकर 300 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बाजारों में बिक जाती हैं.
प्रगतिशील महिला किसान मंजू बताती हैं कि हर प्रजाति की मछली का रेट अलग होता है. मछली पालन में व्यवसाय का एक अच्छा तरीका है. रोहू, कतला और नैनी जैसी मछलियां 18 महीने में डेढ़ से दो किलो वजन तक की हो जाती हैं. वहीं, सरकार द्वारा भी मछली पालन को लेकर सब्सिडी भी दी जाती है. उन्होंने बताया कि पहली बार सब्सिडी के तौर पर 3.50 लाख रुपये की पहली किस्त मिली है, कुल अनुदान 8 लाख रुपये स्वीकृत हुआ था.
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर), पूसा में 109 उन्नत बीजों की किस्में जारी की थी. समाज की बहुत ही क्रांतिकारी महिला मंजू कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी सराहना की थी.
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