Success Story: ताने सहे, पर सब्जी की खेती नहीं छोड़ी.. आज लोग टिप्स लेने आते हैं

Success Story: ताने सहे, पर सब्जी की खेती नहीं छोड़ी.. आज लोग टिप्स लेने आते हैं

कैमूर जिले के 32 वर्षीय सुजान बिंद सब्जी की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं. उनकी खेती का मॉडल देखकर अन्य किसान भी सब्जी की खेती के लिए प्रेरित हो रहे हैं.

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Success Story: ताने सहे, पर सब्जी की खेती नहीं छोड़ी.. आज लोग टिप्स लेने आते हैंयुवा किसान सुजान बिंद 2 एकड़ में सब्जी की खेती सालाना तीन लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं. फोटो-किसान टीएके

बिहार में आज के समय में कई युवा सब्जी की खेती को बेहतर व्यवसाय के रूप में देखने लगे हैं. इसकी खेती से अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. साथ ही अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रहे हैं. एक ऐसा ही किसान कैमूर जिले के रामगढ़ प्रखंड के बैजनाथ गांव के सुजान बिंद हैं. जिन्होंने 2 एकड़ से अधिक एरिया में सब्जी की खेती से इलाके में एक अलग पहचान बनाई है. आज इनके गांव में बाहर का कोई व्यक्ति सब्जी की खेती करने वाले किसान के बारे में पूछता है तो गांव का एक छोटा बच्चा भी 32 वर्षीय किसान सुजान का पता बताता है.

7 साल से सब्जी की खेती कर रहे इस किसान ने गांव के लोगों और अन्य किसानों की खेती के प्रति पुरानी सोच को बदल दिया है. इस युवा किसान से प्रेरणा लेकर अन्य किसान भी सब्जी की खेती की ओर कदम बढ़ाने लगे हैं.

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खेती को व्यवसाय के तौर पर करने से होगी कमाई

किसान तक से बातचीत करते हुए सुजान बताते हैं कि सफल और समृद्ध व्यवसाय की ओर हर युवा दौड़ रहा है. लेकिन कृषि को समृद्ध व्यवसाय बनाने की ओर युवाओं की सहभागिता अभी भी बहुत कम है, जो कि बिल्कुल सही नहीं है. मगर मैं कृषि से स्वयं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के साथ ही देश को भी समृद्ध करने की चाहत रखता हूं. यह तभी संभव होगा जब खेती को व्यवसाय के तौर पर किया जाए. इसके लिए समय की मांग के अनुसार अपने खेतों में सब्जियों की खेती के अलावा अन्य फसलों की खेती करनी होगी.

किराये पर जमीन लेकर किसान सब्जी की खेती से कर रहा कमाई. फोटो- किसान तक
किराये पर जमीन लेकर किसान सब्जी की खेती से कर रहा कमाई. फोटो- किसान तक

किसान मजबूरी में नहीं, शौक से बनने की जरूरत

सुजान बिंद कहते हैं कि आज के दौर में कई ऐसे लोग हैं, जो खेती मजबूरी में करते हैं. जब उनके लिए रोजगार के अन्य रास्ते बंद हो जाते है. तब वे खेती में भाग्य आजमाते हैं. वैसे लोगों से यही कहना है कि आज खेती में करियर का बेहतर विकल्प है. बस आज के पढ़े लिखे युवा उस विकल्प का चयन करके खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं. आगे सुजान कहते हैं कि वे 2016 में राजस्थान से एक प्राइवेट नौकरी छोड़कर घर वापस आए तो लोगों ने कहा कि बीकॉम की पढ़ाई करके सब्जी की खेती करने चले हो. फिर भी मैंने उनकी बातों पर ध्यान नही दिया. सब्जी की खेती में जुट गया. पहले साल सब्जी की खेती में घाटा लगने के बाद लोगों ने कई तरह के कमेंट भी किए. यहां तक कि घर के लोगों ने भी कहा कि प्राइवेट नौकरी नहीं करनी है तो मत करो, सरकारी नौकरी की तैयारी करो, लेकिन सब्जी की खेती करने का विचार त्याग दो. इसमें भविष्य नहीं है. लेकिन सबकी बातों को नजरअंदाज करते हुए दोबारा सब्जी की खेती की. उस साल लागत का पांच से छह गुना यानी डेढ़ से दो लाख रुपये तक की कमाई  हुई. इसके बाद घरवालों का साथ भी मिलने लगा. साथ ही आसपास के लोग भी सब्जी की खेती से जुड़ी जानकारी लेने लगे.

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किराये की जमीन से कर रहे मोटी कमाई

सुजान बिंद 2 एकड़ में सब्जी की खेती कर रहे हैं. जिनमें से 2 बीघा उनकी खुद की जमीन है. बाकी 6 बीघा जमीन, 6500 रुपये प्रति बीघा की दर से किराये पर लिया है. सब्जी से ये सालाना सभी खर्च काटकर तीन लाख रुपये के आसपास कमाई कर लेते हैं. यह कहते हैं कि इसी सब्जी की खेती की बदौलत मकान और करीब 9 लाख रुपये का ट्रैक्टर भी खरीद लिया है, जो एक प्राइवेट नौकरी के दौरान शायद संभव नहीं होता. आज के समय में कृषि को एक सफल व्यवसाय मानता हूं. सुजान सब्जी में टमाटर, गोभी, शिमला मिर्च, बैंगन, जुकिनी सहित कई सब्जियों की खेती करते हैं.

 

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