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पॉल्यूटेड दिल्ली के बीच इस घर का AQI महज 10-15 के बीच, इन पौधों का है कमाल 

पॉल्यूटेड दिल्ली के बीच इस घर का AQI महज 10-15 के बीच, इन पौधों का है कमाल 

दिल्ली में भयंकर प्रदूषण के बीच एक ऐसा घर है जिसका AQI महज 10-15 के बीच है. जबकि, दिल्ली का AQI 351 के पार है. यह कमाल घर में मौजूद 15 हजार से ज़्यादा पौधों का है.

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पीटर सिंह और नीनो कौर के घर का एयर क्वालिटी इंडेक्स है 5-10 के बीच रहता है. पीटर सिंह और नीनो कौर के घर का एयर क्वालिटी इंडेक्स है 5-10 के बीच रहता है.

दिल्ली में हवा का स्तर गंभीर श्रेणी में है और शनिवार को AQI 351 के पार पहुंच गया है. इस बीच दिल्ली के बीच एक ऐसा घर है जिसका AQI महज 10-15 के बीच है. यह कमाल घर में मौजूद 15 हजार से ज़्यादा पौधों का है. हवा साफ होने के साथ ही परिवार को बाहर से सब्जी भी खरीदनी नहीं पड़ती है और बिजली के मामले में पूरी तरह से ये घर आत्मनिर्भर है क्योंकि यह सोलर ऊर्जा से चलता है.

दक्षिणी दिल्ली के सैनिक फार्म में पीटर सिंह और नीनो कौर का घर है और यह कई मायनों में बेहद खास है. इस घर का एयर क्वालिटी इंडेक्स है 5-10 के बीच रहता है. जबकि घर के बाहर AQI आज भी 300 के पार है. इस घर में पेंट या प्लास्टर का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इस घर में 15 हज़ार से ज़्यादा पेड़ पौधे लगे हुए हैं

छत भी है अनोखी- न प्लास्टर न पेंट 

घर में कहीं भी कंक्रीट और पेंट का इस्तेमाल नहीं है. ईंटों को पुराने जमाने की गारी से जोड़ी गई हैं. पेंट की जगह चूने का इस्तेमाल किया गया है. छत पर लेंटर नहीं पत्थर की टाइल लगाई गई हैं. इस घर में रहने वाले 80 वर्षीय पीटर का परिवार महाराजा रणजीत सिंह के सेनापति के परिवारों से जुड़ा हुआ है. इनके पिता प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में लड़ चुके हैं. उनके घर के अंदर आंग्ल-सिख युद्ध की हथियार है, जहां अभी भी 1901 अंग्रेजों के खून के निशान नजर आते हैं. पानीपत की तीसरी जंग में भी इनके पूर्वज लड़ चुके हैं.

पुरानी टेक्निक से बदला घर का तापमान

इस घर का गेट अंग्रेजों के जमाने से भी पहले का है, जो एक किले से निकलकर पुरानी लकड़ी से बनाया गया है, घर अंदर जाने वाली हवा को सबसे पहले मिट्टी के बारूदे और पानी के जरिए फ़िल्टर किया जाता है. इस हवा से ही घर का तापमान गर्मियों में बाहर की तुलना में काफ़ी कम होता है.

15 हजार पेड़ रखते हैं घर की हवा को साफ

इस घर के अंदर 15,000 अलग-अलग तरह के पेड़ पौधे हैं जिनकी ऑक्सीजन से ही अंदर का एयर क्वालिटी इंडेक्स हमेशा 15 से कम रहता है. पीटर और नीनो बताते हैं कि वो किसी भी सीजन में बाहर से एक भी सब्जी नहीं खरीदते हैं.

बारिश हो या घर का.. एक बूंद पानी भी नहीं होता बर्बाद

इस घर में जल संचयन के लिए बारिश के पानी को 15,000 लीटर की टंकी में रखा जाता है, उसी से होती है पेड़ पौधों की सिंचाई. यहां पानी को रीयूज करने की जबरदस्त टेक्निक का इस्तेमाल किया गया है.

पराली से पॉल्यूशन नहीं यहां उगाई जा रही हैं मशरूम

राजधानी दिल्ली के वायु प्रदूषण में लगभग 8 फीसदी हिस्सा पंजाब हरियाणा पश्चिम उत्तर प्रदेश की पराली की वजह से बताया जाता है. लेकिन यहां पर इसी पराली को ऑर्गेनिक कंपोस्ट के साथ मिलकर खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें मशरूम की खेती की जा रही है.

पत्नी को कैंसर बचाने के प्रयास से हुई शुरुआत 

पीटर बताते हैं कि उनकी पत्नी को ब्लड कैंसर हुआ था कीमोथैरेपी के बाद उनके फेफड़े बहुत कमज़ोर हो गए थे इस पर एक डॉक्टर ने कहा कि आप लोग दिल्ली NCR छोड़ दें किसी अच्छी जगह जाकर रहे हैं तो वहीं एक दूसरे आयुर्वेद के डॉक्टर ने उनसे कहा कि आप सिर्फ़ ऑर्गेनिक सब्ज़ियां ही खाएं. बेटे ने गोवा में घर भी खरीद दिया. कुछ दिन दोनों वहां रहे भी लेकिन फिर अपने घर को ही पूरी तरह बदलने के बारे में सोचा. (मनीष चौरसिया की रिपोर्ट)

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