हथियार बनाने वाले पेड़ की ऐसे होती है खेती, जानिए इसे क्यों कहते हैं पैसे बनाने वाला पेड़

हथियार बनाने वाले पेड़ की ऐसे होती है खेती, जानिए इसे क्यों कहते हैं पैसे बनाने वाला पेड़

पश्चिमी राजस्थान में 12 जिले हैं. इनमें से अधिकांश जिले रेतीले टीलों से ढके हुए हैं. जब बारिश होती है तो इन रेतीली जगहों में हरियाली छा जाती है. बारिश के मौसम में कुछ न कुछ हो ही जाता है. इन रेतीली जगहों में दुर्लभ प्रजाति के पेड़ उगाना, बागवानी करना या नई किस्म की फसल उगाना किसी पहाड़ की चोटी पर चढ़ने के बराबर है.

Advertisement
हथियार बनाने वाले पेड़ की ऐसे होती है खेती, जानिए इसे क्यों कहते हैं पैसे बनाने वाला पेड़Mahogany tree

आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताएंगे जिसके बारे में पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे. इस पेड़ को मनी ट्री भी कहा जाता है. पश्चिमी राजस्थान में पेड़ उगाना तो दूर, यहां किसानों के लिए खेती करना भी मुश्किल है. पश्चिमी राजस्थान में किसानों के लिए अधिकतर बागवानी और खेती करना संभव है. ऐसे में पेड़ उगाना अपने आप में एक चुनौती है. लेकिन इस काम को संभव कर दिखाया है नागौर के एक किसान ने. इस पेड़ की लकड़ी इसलिए महंगी बिकती है क्योंकि इससे हथियार भी बनते हैं. इस लकड़ी की मजबूती के कारण इसे हथियारों में इस्तेमाल किया जाता है.

पश्चिमी राजस्थान में 12 जिले हैं. इनमें से अधिकांश जिले रेतीले टीलों से ढके हुए हैं. जब बारिश होती है तो इन रेतीली जगहों में हरियाली छा जाती है. बारिश के मौसम में कुछ न कुछ हो ही जाता है.

यूट्यूब देखकर शुरू की इसकी खेती

इन रेतीली जगहों में दुर्लभ प्रजाति के पेड़ उगाना, बागवानी करना या नई किस्म की फसल उगाना किसी पहाड़ की चोटी पर चढ़ने के बराबर है. चाहे वह नई किस्म का पेड़ हो या फसल, इस रेगिस्तान में उसे उगाना बेहद मुश्किल है. इस रेगिस्तान में फसलों को उगाने में बहुत मेहनत लगती है. जिस तरह एक मासूम बच्चे की देखभाल करनी होती है, उसी तरह रेगिस्तान में नई-नई किस्म की फसलें और पेड़ उगाना होता है. इसी तरह नागौर जिले के खींवसर के टांकला गांव के एक किसान ने यूट्यूब देखकर जैविक खेती की मदद से महोगनी के पेड़ की खेती शुरू की. महोगनी के पेड़ की पैदावार शुरू होने से लेकर आमदनी शुरू होने तक उन्होंने मेहनत करना नहीं छोड़ा.

ये भी पढ़ें: यूपी के चोर ने चुराया 60 हजार का लहसुन, सब्जी मंडी में दहशत का माहौल, पुलिस सुरक्षा बढ़ाने की मांग

कैसे की जाती है पैसे वाले पेड़ की खेती

किसान लिखमाराम मेघवाल ने बताया कि अगर कोई भी किसान महोगनी की खेती करना चाहता है तो उसे इसकी खास तरीके से खेती करनी चाहिए. सबसे पहले किसानों को इस पेड़ के लिए जैविक विधि का प्रयोग करना चाहिए. महत्वपूर्ण बात यह है कि जैविक खाद और ताजे पानी का उपयोग करना चाहिए. महोगनी के पेड़ों की जड़ों में दीमक लगने का खतरा रहता है. समय-समय पर इसकी जड़ों को देखते रहना चाहिए.

क्या है महोगनी पेड़ की लकड़ी का उपयोग

महोगनी पेड़ की लकड़ी का उपयोग कई चीजों में किया जाता है. इस लकड़ी का उपयोग नाव बनाने, फर्नीचर, 
प्लाईवुड, सजावटी सामान, मूर्तियां आदि बनाने में किया जाता है. इस पेड़ की लकड़ी का मूल्य 1500 रुपये से 2000 रुपये प्रति घन फुट है.

लिखमाराम ने बताई अपनी कहानी

लिखमाराम मेघवाल ने महोगनी की खेती के बारे में बताते हुए कहा कि कोरोना काल में जब वे घर पर खाली बैठे थे तो उन्होंने यूट्यूब पर देखा कि ऐसी कौन सी खेती है जो घर बैठे आसानी से की जा सकती है. फिर उन्होंने यूट्यूब पर महोगनी की खेती के बारे में देखा. इसके बाद उन्होंने महोगनी के 100 पौधे बाजार से खरीदे. लेकिन एक ही रात में 90 पौधे खराब हो गए. इसका मुख्य कारण दीमक लगना था. 10 पौधे बचे थे जिन्हें लिखमाराम ने बच्चों की तरह पाला और हिम्मत नहीं हारी. शोध और कृषि विशेषज्ञों से जानकारी लेने के बाद इनकी देखभाल की और वर्तमान में ये पौधे 3 साल पुराने हो चुके हैं.

महोगनी के एक पेड़ को पूरी तरह विकसित होने में 12 साल लगते हैं. लिखमाराम का कहना है कि अगर कोई भी किसान इस पेड़ की खेती करने का सही तरीका अपनाएगा तो किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा. यह पौधा अधिक तापमान सहन कर सकता है और बरसात के दिनों में अधिक पानी होने पर भी इसे कोई नुकसान नहीं होता है. राजस्थान के मौसम के लिहाज से इस पेड़ की खेती उपयुक्त साबित हो सकती है.

POST A COMMENT