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Kisan Tak Summit: किसान सेठपाल सिंह को मिल चुका है पद्मश्री पुरस्कार, जानें कृषि में योगदान

Kisan Tak Summit: किसान सेठपाल सिंह को मिल चुका है पद्मश्री पुरस्कार, जानें कृषि में योगदान

किसान सेठपाल सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. इन्होंने कृषि क्षेत्र में अपना अहम योगदान देकर अपने गांव सहित पूरे राज्य का नाम रोशन किया है. कृषि क्षेत्र में पहल और योगदान देने की वजह से भारत सरकार ने सेठ पाल सिंह को साल 2022 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. ऐसे में आइए जानते हैं किसान तक समिट में उन्होंने क्या कुछ कहा-

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 किसान सेठपाल सिंह को मिल चुका है पद्मश्री पुरस्कार किसान सेठपाल सिंह को मिल चुका है पद्मश्री पुरस्कार

इंडिया टुडे ग्रुप के डिजिटल चैनल किसान तक का उद्घाटन मंगलवार को नई दिल्ली में किया गया. इसके लिए किसान तक समिट का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने किया. इस समिट में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किसान सेठपाल सिंह ने बताया कि मेरा गाँव ऐसे जगह पर है जहां पर दोनों तरफ नदियां थीं. आने जाने का कोई रास्ता नहीं था. जाने के लिए हिंडन और डमोला नदी से गुजर कर जाना पड़ता था. वहीं हमारी जो प्रारम्भिक शिक्षा हुई वह गाँव से तीन किलोमीटर दूर हुई. इस दौरान हमें सर्दी के मौसम में भी कभी जूता पहने का मौका नहीं मिला, और चूंकि हमारा मूल पेशा कृषि है. पिता जी कृषि करते थे. लेकिन बाद में मैंने कृषि विविधिकरण को अपनाया. आइये उनके सफलता के कहानी के बारे में जानते हैं-  

सहारनपुर जनपद के नन्दी फिरोजपुर गांव में रहने वाले किसान सेठपाल सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. इन्होंने कृषि क्षेत्र में अपना अहम योगदान देकर अपने गांव सहित पूरे राज्य का नाम रोशन किया है. सेठ पाल सिंह ने सामाजिक बंधनों को तोड़कर गृहस्ती को चलाने के लिए देश की आर्थिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने वाले पेशा किसानी को चुना और नई-नई तकनीक के सहारे खेती करने लगे. फिलहाल, सेठ पाल सिंह एक सफल किसान हैं. वहीं सेठ पाल सिंह कई वर्षों से कृषि क्षेत्र में नए-नए प्रयोग कर किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं. कृषि क्षेत्र में पहल और योगदान देने की वजह से भारत सरकार ने सेठ पाल सिंह को साल 2022 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. किसान तक से बातचीत में सफल किसान सेठ पाल सिंह ने बताया कि वह कृषि क्षेत्र में किसानों को आगे बढ़ने के लिए जागरूक कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि किसान अब रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती और जैविक खेती करें, क्योंकि इस पद्धति को अपनाने से किसानों के आय में काफी वृद्धि होगी. 

इन वजहों से रहें चर्चा में

किसान सेठ पाल सिंह नई-नई तकनीक से खेती के लिए चर्चा में रहें हैं. किसान सेठ पाल मछ्ली पालन, पशुपालन, कमल के फूलों की खेती और सब्जी उत्पादन के साथ ही सिंघाड़ा उत्पादन और मशरूम की खेती भी करते हैं. इसके अलावा वह मौसम के हिसाब से भी फसलों की खेती करते हैं जैसे- प्याज, सौंफ, आलू, सरसों, मसूर और हल्दी आदि. वहीं जैविक खेती में भी उन्होंने जबरदस्त कामयाबी हासिल की है. वह वर्मी कम्पोस्ट और नाडेप कंपोस्ट का उत्पादन करके अपने खेतों में इस्तेमाल करते हैं.

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पद्मश्री पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित प्रगतिशील किसान सेठपाल सिंह को साल 2012 में ICAR द्वारा नवोन्मेषी कृषक सम्मान से सम्मानित किया गया था. वहीं साल 2014 में भी ICAR द्वारा ही जगजीवनराम अभियन किसान पुरस्कार से नवाजा गया और साल 2020 में अध्येता पुरस्कार से सम्मानित किया गया. फिर साल 2022 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया.

आगे क्या करना चाहते हैं किसान सेठपाल

किसान सेठ पाल सिंह आने वाले समय में किसानों को जागरूक करना चाहते हैं. साथ ही कृषि से जुड़े लोगों को प्राकृतिक खेती और जैविक खेती से फायदा पहुंचाना चाहते हैं. उन्होंने किसान तक से बातचीत हुए में बताया कि खेतों में जीवांश कार्बन की मात्रा को बढ़ावा देना बेहद जरुरी है. वहीं जीवांश कार्बन की मात्रा तभी बढ़ती है, जब खेतों में गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट, जैविक खाद, हरी खाद का प्रयोग किया जाए. उन्होंने कहा कि किसान अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और कृषि के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ें, यहीं उनका सपना है. साथ ही उन्होंने सरकार के काम की भी सराहना की. 

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