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एक ही बगीचे में लगा दिए 26 वैरायटी के आम, ऑनलाइन की लाखों की बिक्री 

एक ही बगीचे में लगा दिए 26 वैरायटी के आम, ऑनलाइन की लाखों की बिक्री 

युवराज सिंह ने अपने पुश्तैनी बगीचे को बढ़ाते हुए आम का बगीचा तैयार किया है. उनके बगीचे की खास बात यह है कि उनके बगीचे में लंगड़ा, केसर, चौसा, सिंदूरी, राजापुरी, हापुस आदि 26 वैरायटी के आम के पेड़ लगे हैं. जिले के छोटा उंडवा गांव के किसान युवराज सिंह की सफलता की यह कहानी है. युवराज ने बताया, अलीराजपुर जिले की मिट्टी में नमी होने से यह आम की खेती के लिए उपयुक्त है.

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एक साथ बोईं आम की 26 किस्‍में आज कमा रहें मुनाफा एक साथ बोईं आम की 26 किस्‍में आज कमा रहें मुनाफा

हाल के कुछ सालों में किसानों ने आधुनिक तकनीक की मदद से खेती करने में तेजी से रूचि दिखाई है. तकनीक की मदद से भारी मात्रा में उत्पादन भी हो रहा है.  आज हम आपको एक ऐसे ही किसान के बारे में बताते हैं कि जिसने अपनी पुश्‍तैनी जमीन पर 1-2 नहीं बल्कि आम की पूरी 26 किस्‍में बोईं थीं. आज वह आम बेचकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं. ऑनलाइन आम बेचकर उन्‍हें लाखों रुपये का फायदा हो रहा है. यह किसान हैं मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के रहने वाले युवराज सिंह है. आज जानिए उनकी सफलता की ऐसी कहानी जो आपको भी आकर्षित करेगी. 

आम की खेती के लिए मिट्टी 

युवराज सिंह ने अपने पुश्तैनी बगीचे को बढ़ाते हुए आम का बगीचा तैयार किया है. उनके बगीचे की खास बात यह है कि उनके बगीचे में लंगड़ा, केसर, चौसा, सिंदूरी, राजापुरी, हापुस आदि 26 वैरायटी के आम के पेड़ लगे हैं. जिले के छोटा उंडवा गांव के किसान युवराज सिंह की सफलता की यह कहानी है. 

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युवराज ने बताया, अलीराजपुर जिले की मिट्टी में नमी होने से यह आम की खेती के लिए उपयुक्त है. यहां पैदा होने वाले आम का स्वाद पूरे देश में विशेष पहचान रखता है. युवराज कहते हैं कि मैं हर वर्ष अलग-अलग वैरायटी के आम की सीधी बिक्री अपने खेत से करता हूं. अलीराजपुर के आमों की खासियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सीजन के पहले ही लोग आम की बुकिंग कर एडवांस पेमेंट कर देते हैं.

1000 रुपये किलो आम 

युवराज कहते हैं, कुछ साल पहले मैं जिले के कट्ठीवाड़ा से 'नूरजहां' आम का पौधा ग्राफ्टिंग करके लाया था. इसे मैंने अपने बगीचे में लगाया और एक छोटा सा पौधा आज आम के पेड़ के रूप में बनकर तैयार हो गया है. इसकी खासियत है कि एक आम का वजन लगभग तीन किलो होता है, जिसकी कीमत प्रति किलो 1000 रुपये होती है.

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युवराज सिंह ने बताया, मैंने अपने दादा और पिताजी को हमेशा से आम के बगीचे पर काम करते देखा है. उन्हीं से प्रेरणा लेकर मैंने 7 साल पहले 500 आम के पौधे बगीचे में लगाए. इसमें केसर व अन्य आम की वैरायटी के कुल 2 हजार से अधिक पेड़ हो गए हैं. देश के विभिन्न शहरों में होने वाले आम महोत्सव में मुझे पिछले 10 सालों से कई बार प्रथम पुरस्कार मिला है.  

लाखों रुपये की ऑनलाइन बिक्री 

किसान के अनुसार, बीते साल मैंने ऑनलाइन बाजार के माध्यम से 4 से 5 लाख रुपये का आम सीजन में बेचा है. इसके अलावा मैंने 5 किलों के बॉक्स तैयार करके सीधे और मंडी में और अन्य लोगों को आम बेचा है. अलीराजपुर जनजातीय क्षेत्र होने के कारण यहां के लोगों का आम ही मुख्य आय का साधन है. अलीराजपुर में बड़ी मंडी होने के कारण लोगों को आम बेचने के लिए शहर से बाहर नहीं जाना होता है.