Barabanki News: कुछ किसान खेती कर अपनी ज़रूरतें पूरी नहीं कर पाते, ऐसे किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है, लेकिन ऐसे किसानों के लिए अब ड्रैगन फ्रूट्स की खेती (Exotic Fruit Farming) वरदान साबित हो रही है. इसकी बाजार में काफी डिमांड रहती है और यह बाजारों में महंगा भी बिकता है. इसी कड़ी में बाराबंकी के किसान गया प्रसाद विदेशी ड्रैगन फ्रूट्स की खेती हर साल 8 से 10 लाख रुपए मुनाफा कमा रहे हैं. बाराबंकी के प्रगतिशील किसान गया प्रसाद ने बताया कि छोटे सीमित जमीन वाले किसान ड्रैगन फ्रूट्स की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. यह बंजर जमीन पर भी आसानी से की जा सकती है. इस खेती में ना तो आवारा पशुओं से कोई नुकसान होता है और कम पानी खर्च कर इस फसल को उगाया जा सकता है.
किसान गया प्रसाद ने आगे बताया कि हमने ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में सोचा, फिर उसके बाद एक हजार पौधे गुजरात से मंगवाकर तीन बीघे में खेती शुरू की. जिसमें हमें अच्छा फायदा देखने को मिला. आज करीब डेढ़ एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं क्योंकि ड्रैगन फ्रूट के एक पौधे से 10 से 15 फल मिलते हैं. 200 से 400 ग्राम वजनी इन फलों की सीजन में 250 से 300 रुपये प्रति किलो की कीमत मिल जाती है और यह आसानी से खेत से ही बिक जाता है.
उन्होंने बताया कि इस खेती में लागत करीब 1 बीघे में 60 हजार रुपये आती है, क्योंकि इसमें पौधे, सीमेंट के खम्भे, ड्रिप, कीटनाशक दवाइयां, वर्मी कंपोस्ट, जैविक खाद, पानी, लेबर आदि का खर्च लगता है और वहीं मुनाफा करीब एक सीजन में 8 से 10 लाख रुपए तक हो जाता है.
किसान गया प्रसाद बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट की करना बहुत ही आसान है, पहले खेत मे गड्ढे खोदकर सीमेंट के बने खंभे गाड़े जाते हैं. दो खंभों के बीच की दूरी लगभग 5 फीट होनी चाहिए. इसके बाद खंभे से सटाकर चार पौधे रोप दिए जाते हैं. रोपाई के समय ही पौधे में हल्का पानी दे दिया जाता है. फिर ड्रिप सिंचाई से समय-समय पर पौधों को पानी दिया जाता है, वहीं पौधा लगाने के महज 16 महीने के बाद फल निकलना शुरू हो जाते हैं, जिसे तोड़कर बाजारों में बेचा जा सकता है. ड्रैगन फ्रूट की खेती को एक बार लगाकर 25 साल तक इससे मुनाफा कमाया जा सकता है.
ड्रैगन फ्रूट्स की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं. ड्रैगन फ्रूट्स की मार्केट में काफी अच्छी डिमांड है. यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है, जिससे इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है.
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