UP News: ड्रोन दीदी योजना के जरिये ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपने सपनों को एक उड़ान दे रही हैं. साथ ही समाज में अपनी अलग पहचान बना रही हैं. उत्तर प्रदेश के कौशांबी की एक ऐसी ही महिला नेहा यादव हैं, जो 29 वर्ष की उम्र में अब ड्रोन पायलट के रूप में अपनी पहचान बना रही हैं. इंडिया टुडे के किसान तक से खास बातचीत में कौशांबी जिले के ब्लॉक-चायल की रहने वाली नेहा यादव ने बताया कि 10 अक्टूबर 2023 को यूपी फूलपुर में (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव) IFFCO की ट्रेनिंग कैंप में पहुंचे थे. वहां पर हमको प्रैक्टिकल के साथ ड्रोन उड़ाने की पूरी जानकारी दी गई. टेस्ट में पास होने के बाद मुझे ड्रोन पायलट का लाइसेंस दिया गया. 9 जनवरी 2023 को मुझे IFFCO की तरफ से मुफ्त में ड्रोन के साथ पूरा किट बैग दिया गया था.
उन्होंने बताया कि पहली बार अपने गांव रामनगर में ड्रोन के जरिए किसान के एक एकड़ खेत में दवा का छिड़काव किया था. उस वक्त मुझे एक एकड़ का 300 रुपये मिला था. नेहा बताती हैं कि अब सुबह शाम मिलाकर 10 एकड़ खेत में दवा का छिड़काव कर रही है. जिससे 3 हजार रुपये प्रतिदिन आय हो जा रही है. यानी एक महीने में 90 हजार की कमाई. वहीं मुझे रोज काम मिलता रहता है. क्योंकि एक एकड़ खेत में दवा का छिड़काव 5-7 मिनट में कर देते हैं. 10 लीटर पानी में पूरे खेत में छिड़काव हो जाता है, इससे कम पानी में पूरे खेत में आसानी से किसानों के खेत में दवा का छिड़काव किया जा सकता हैं. वहीं फसल भी खराब नहीं होती.
नेहा ने आगे बताया कि मैं साइकिल चला लेती हूं, लेकिन जब ड्रोन का रिमोट आता है, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ जाता है. परिवार के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मेरा संयुक्त परिवार है. पति जेसीबी मशीन का कारोबार करते थे, वहीं मेरी दो बेटियां हैं.
उन्होंने बताया कि जब हम ड्रोन उड़ाते हैं तो सैकड़ों की संख्या में भीड़ जुट जाती है. आने वाले समय में ड्रोन खेती के लिए बहुत अहम यंत्र साबित होगा. देश और प्रदेश का हर किसान खेती के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेंगे. एमए और बीएड तक पढ़ाई कर चुकी नेहा यादव ने बताया कि इस बार धान के सीजन में उन्हें खूब काम मिलेगा. वो अपने गांव में किसानों को ड्रोन के इस्तेमाल से होने वाले फायदे को बताती हैं. इससे अधिक से अधिक संख्या में किसान भी जागरूक हो रहे हैं.
प्रधानमंत्री ड्रोन दीदी योजना 30 नवंबर 2023 को शुरू की गई थी. इस योजना का लक्ष्य स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 15,000 से अधिक महिलाओं को ड्रोन दीदी बनने का अवसर प्रदान करके सशक्त बनाना है. इसके अतिरिक्त, इस योजना में महिलाओं के लिए 15-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शामिल है, जो उन्हें ड्रोन चलाने और फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव करने में सक्षम बनाता है.
पीएम ड्रोन दीदी योजना के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और कृषि कार्यों में प्रभावी ढंग से योगदान देंगी. इसके अतिरिक्त, लाभार्थियों को ड्रोन संचालन के लिए 15,000 रुपये का मासिक अनुदान भी मिलेगा. प्रधानमंत्री द्रोण दीदी योजना कृषि क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण और तकनीकी उन्नति की दिशा में एक कदम है, जो कृषि क्षेत्र की वृद्धि और विकास को सुनिश्चित करता है.
नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत महिलाओं को 15 दिन ट्रेनिंग दी जाती है. जिसके स्टाइपेंड के तौर पर उन्हें 15 हजार भी दिए जाते हैं. यह राशि उनके खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए भेज दी जाती है. सरकार का लक्ष्य है 10 करोड़ से अधिक स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं में से 15 हजार को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाए. इस योजना के तहत सरकार की ओर से ट्रेनिंग कंप्लीट होने के बाद महिलाओं को ड्रोन भी दिया जाता है.
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