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Maharashtra News: यूट्यूब से सीखा केले के चिप्स बनाने का बिजनेस, अब 30 लाख से अधिक पहुंची कमाई

Maharashtra News: यूट्यूब से सीखा केले के चिप्स बनाने का बिजनेस, अब 30 लाख से अधिक पहुंची कमाई

युवा किसान उमेश मुके के पास आठ एकड़ पुश्तैनी खेती है. वह वहां केले की खेती करते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से केला बाजार में लगातार आ रही मंदी और मौसम की मार के कारण लगातार घाटे में चल रही खेती से परेशान होकर उमेश के पिता ने एक साल के लिए केले की खेती छोड़ दी थी. उसके बाद उन्होंने कुछ ऐसा किया जिस वजह से आज उनकी किस्मत बदल गई है.

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हिंगोली जिला हल्दी के साथ-साथ केले की खेती के लिए भी मशहूर है. यहां के केले की बाजार में काफी मांग है. लेकिन केले का सीजन शुरू होते ही बाजार में केले के दाम गिर जाते हैं. कई बार तो लागत भी नहीं निकल पाती. इससे तंग आकर हिंगोली जिले के खंडुखैरेवाड़ी के एक युवा किसान ने यूट्यूब से ट्रेनिंग लेकर केले के चिप्स बनाने का बिजनेस शुरू किया है. इससे उन्हें अच्छी खासी कमाई हो रही है. तीन साल पहले शुरू किए इस बिजनेस से वह हर साल 30 लाख रुपये कमा रहे हैं. उन्होंने गांव के 6 बेरोजगारों को भी काम दिया है.

पढ़ाई छोड़ शुरू किया केले के चिप्स का बिजनेस

खंडुखैरेवाडी गांव में रहने वाले युवा किसान उमेश मुके के पास आठ एकड़ पुश्तैनी खेती है. वह वहां केले की खेती करते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से केला बाजार में लगातार आ रही मंदी और मौसम की मार के कारण लगातार घाटे में चल रही खेती से परेशान होकर उमेश के पिता ने एक साल के लिए केले की खेती छोड़ दी थी. खेती और घर में लगातार घाटा हो रहा था. किसान उमेश की हालत खराब होने के कारण उन्हें 12वीं कक्षा में अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी और वह भी खेती के काम में अपने परिवार के सदस्यों की मदद करने लगे. एक बार उमेश ने यूट्यूब पर केले से बनने वाले चिप्स की रेसिपी देखी और उसे ही इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. रोजगार का जरिया बनाने का सोचा. और फिर खेत में केले लगाना शुरू कर दिया. लेकिन इस बार उन्होंने बाजार में केले बेचने की बजाय घर पर ही चिप्स बनाना शुरू कर दिया.

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बिजनेस शुरू करने के लिए लिया लोन

शुरू में, उमेश ने खुद छोटे-छोटे पॉकेट बनाकर किराने की दुकानों और मिठाई बाजारों में बेचना शुरू किया. धीरे-धीरे चिप्स की मांग बढ़ने लगी और उन्होंने अपना बिजनेस बढ़ाने के बारे में भी सोचा. इसके लिए उमेश ने गृह उद्योग के लिए एक बैंक से लोन लिया. गांव में चिप्स बनाने की एक छोटी सी कंपनी खोली. उस कंपनी का नाम अन्नपूर्णा अपनी मां के नाम पर रखा.

30 लाख रुपये का है टर्नओवर

उमेश के चिप्स की मांग इतनी बढ़ गई है कि अब वह हर साल लगभग 10 से 12 टन चिप्स बेच रहे हैं. इस बिजनेस से उनका टर्नओवर हर साल 30 लाख रुपये से ऊपर पहुंच जाता है. उमेश ने अपनी कंपनी में 6 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार दिया है.

उमेश के चिप्स की नांदेड़, हिंगोली, परभणी, वाशिम, बिड और यवतमाल जिलों में भी काफी मांग है. उमेश का सपना अपने चिप्स को महाराष्ट्र में मशहूर करना है. इसे पूरा करने के लिए उमेश और उनका परिवार दिन-रात मेहनत कर रहा है.