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Bihar: किसान के बेटे का BPSC में कमाल, पोस्ट ऑफिस में नौकरी करते हुए हासिल की 9वीं रैंक

Bihar: किसान के बेटे का BPSC में कमाल, पोस्ट ऑफिस में नौकरी करते हुए हासिल की 9वीं रैंक

चन्दन कुमार के पिता अरुण कुमार शर्मा एक किसान हैं और गांव में ही खेती-बाड़ी करते हैं. ‘आजतक’ से बातचीत दौरान चन्दन कुमार ने बताया कि वो फिलहाल गया पोस्ट ऑफिस में क्लर्क के पद पर काम कर रहे हैं. BPSC में बिहार में 9वां रैंक लाकर बहुत अच्छा लग रहा है.

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किसान के बेटे का BPSC में कमाल किसान के बेटे का BPSC में कमाल

बिहार के गया जिले में किसान के बेटे ने BPSC परीक्षा में एक नई मिसाल पेश की है. गया के कोयरीबारी मोहल्ले के निवासी और किसान अरुण कुमार शर्मा के बेटे चन्दन कुमार ने BPSC की 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता में बिहार में 9वां रैंक हासिल की है. चन्दन कुमार वर्तमान में गया पोस्ट ऑफिस में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं. पोस्ट ऑफिस में नौकरी करते हुए, चन्दन कुमार ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से इस सफलता को प्राप्त किया है. उनके परिवार में खुशी का माहौल है और घर के सभी सदस्य उन्हें बधाई दे रहे हैं और मिठाई खिलाकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं.

“नौकरी के साथ कैसे की पढ़ाई”

चन्दन कुमार के पिता अरुण कुमार शर्मा एक किसान हैं और गांव में ही खेती-बाड़ी करते हैं. ‘आजतक’ से बातचीत दौरान चन्दन कुमार ने बताया कि वो फिलहाल गया पोस्ट ऑफिस में क्लर्क के पद पर काम कर रहे हैं. BPSC में बिहार में 9वां रैंक लाकर बहुत अच्छा लग रहा है. पोस्ट ऑफिस में ड्यूटी करने के बाद, वो रोजाना 5 से 6 घंटे पढ़ाई करते थे. जब भी वो ऑफिस से घर लौटते, थोड़ी देर आराम करने के बाद, पढ़ाई में लग जाते थे. उन्होंने कहा कि अगर आपका बेस मजबूत हो, तो आप नौकरी करते हुए भी अच्छी पढ़ाई कर सकते हैं.

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बड़े भाई का बहुत बड़ा योगदान

उन्होंने आगे कहा कि उनके पिताजी एक किसान हैं और मेरे बड़े भाई सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं. इस सफलता में उनके बड़े भाई का बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया और परिवार के सभी सदस्य उन्हें आगे बढ़ने के लिए समर्थन देते रहे हैं. बचपन से ही उनकी इच्छा प्रशासनिक सेवा में जाने की थी, ताकि वो लोगों के सुख-दुःख में शामिल होकर उनकी सेवा कर सकें, यही वजह थी कि उन्होंने BPSC में प्रयास किया.

“शिक्षा के मामले में समझौता नहीं”

चन्दन कुमार के पिता, अरुण कुमार शर्मा ने कहा कि वो एक किसान हैं और वह हमेशा अपने बेटे को शिक्षा के महत्व के बारे में बताते रहते थे. शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बना सकता है. कभी-कभी आर्थिक दिक्कतें आती थीं, लेकिन उन्होंने कभी अपने बेटे को किसी बात के लिए नहीं रोका. उन्होंने कहा कि वह साधारण परिवार से हैं, लेकिन शिक्षा के मामले में कभी भी समझौता नहीं किया. वो हमेशा अपने बेटे को अच्छे संस्कार और शिक्षा देने का प्रयास करते रहे हैं.

“शिक्षा ही सफलता की कुंजी है”

चन्दन कुमार के बड़े भाई राकेश कुमार, जो एक शिक्षक हैं उन्होंने कहा कि उनके परिवार में हमेशा एक ही विचारधारा रही है कि शिक्षा ही सफलता की कुंजी है. चन्दन को प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना था और उन्हें गर्व है कि उनके भाई ने अपनी मेहनत से यह सफलता हासिल की है. चन्दन कुमार की सफलता न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे इलाके के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है. उनके संघर्ष और समर्पण ने यह साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और सही दिशा में प्रयास करने से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. (पंकज कुमार की रिपोर्ट)