Action Against Corruption : चकबन्दी अफसरों की लेटलतीफी से किसान हुए परेशान, सीएम योगी का चला चाबुक, एक दर्जन अधिकारियों पर गिरी गाज

Action Against Corruption : चकबन्दी अफसरों की लेटलतीफी से किसान हुए परेशान, सीएम योगी का चला चाबुक, एक दर्जन अधिकारियों पर गिरी गाज

यूपी में चकबन्दी के मामलों में अधिकारियों के लचर रवैये से किसानों की परेशानी इतनी बढ़ गई कि इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काे संज्ञान लेना पड़ा. सीएम योगी ने चकबंदी से जुड़े  मामलों के निपटारे में अफसरों की लेटलतीफी, लापरवाही और अनियमितता की शिकायत पर सख्ती बरतते हुए चकबन्दी अधिकारी से लेकर लेखपालों तक दर्जनभर अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की है.

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Action Against Corruption : चकबन्दी अफसरों की लेटलतीफी से किसान हुए परेशान, सीएम योगी का चला चाबुक, एक दर्जन अधिकारियों पर गिरी गाजयूपी की योगी सरकार ने चकबन्दी विभाग के लापरवाह अफसरों पर चलाया सख्ती का चाबुक, फोटो: साभार, यूपी सरकार

यूपी के ग्रामीण इलाकों में कृष‍ि भूमि की चकबंदी के काम में अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसानों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. चकबंदी के मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही और अनियमितता की श‍िकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने के बाद सीएम योगी ने इस पर सख्त रुख अख्तियार किया है. सीएम के आदेश पर चकबंदी विभाग में आधा दर्जन जिलों के चकबंदी अधिकारी से लेकर लेखपाल स्तर के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि शासन ने इन मामलों में संज्ञान लेते हुए प्रारंभिक जांच के आधार पर कुछ अधिकारियों को निलंबित किया है, कुछ को नौकरी से बर्खास्त करने के अलावा कुछ अन्य के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है.

कौशांबी के 6 अधिकारी निलंबित

प्राप्त जानकारी के अनुसार यूपी के चकबन्दी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने सीएम योगी के निर्देश के बाद यह कार्रवाई की है. इस कड़ी में कौशांबी जिले में गुरुवार को हुए तिहरे हत्याकांड मामले की तह में पट्टे की जमीन पर विवाद होने की बात सामने आई है.

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मालूम हो कि सीएम योगी ने 16 सितंबर को राजस्व की समीक्षा बैठक में लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे. इसके बाद ही विभागीय स्तर पर ऐसे कर्मचारियों की पहचान कर इनके विरुद्ध ताबड़तोड़ कार्रवाई की गयी है. सूत्रों के मुताबिक अभी कुछ और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का सिलसिला जारी रहेगा.

सख्ती के शिकार हुए ये अफसर

चकबंदी आयुक्त कुमार ने बताया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी, सख्त कार्रवाई के दायरे में आए हैं. उन्होंने बताया कि कौशांबी में हुए तिहरे हत्याकांड मामले में पट्टे की भूमि से जुड़े विवाद को निपटाने में लापरवाही बरतने पर चकबंदी अधिकारी मिथिलेश कुमार, सहायक चकबंदी अधिकारी अफजाल अहमद खां के अलावा तीन चकबंदी लेखपाल शिवेश सिंह, शीलवंत सिंह, रवि किरन सिंह और चकबंदी कर्ता राम आसरे को निलंबित किया गया है. वहीं, अनियमितता एवं अनुशासनहीनता के आरोप सही पाए जाने पर चकबंदी अधिकारी देवराज सिंह की सेवाएं समाप्त कर दी गयी हैं. 

इस दौरान एटा के सहायक चकबंदी अधिकारी सतीश कुमार को Demotion का सामना करना पड़ा ह‍ै. इसी तरह चकबंदी योजना तैयार करने में नियमों का उल्लंघन करने एवं लापरवाही बरतने  पर शामली एवं हरदोई के सहायक चकबंदी अधिकारी अनंगपाल सिंह और गजराज को निलंबित कर इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है. वहीं चकबंदी में गड़बड़ी की शिकायत पर गठित जांच निदेशालय की टीम की संस्तुति पर मऊ के चकबन्दीकर्ता तथा चकबन्दी लेखपाल को निलंबित करने के निर्देश दिये गये हैं. इसके अलावा बस्ती और हरदोई के चकबंदी अधिकारी शरदचन्द्र यादव और प्रेम प्रकाश भारती के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गयी है. इसके साथ ही गोरखपुर के सेवानिवृत्त बन्दोबस्त अधिकारी (चकबन्दी) के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है.

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ये है मामला

चकबंदी आयुक्त ने बताया कि कुछ समय पहले प्रतापगढ़ के शिवरा गांव में चकबंदी के मामलों में लापरवाही बरतने की शिकायत मिली थी. इसकी जांच के लिये निदेशालय के स्तर पर एक समिति गठित की गई. समिति की रिपोर्ट के आधार पर चकबन्दी अधिकारी ओमकार शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई. इसी के साथ जौनपुर के उप संचालक चकबंदी अधिकारी सोमनाथ मिश्र को 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया है. वहीं, पूर्व तत्कालीन बन्दोबस्त अधिकारी (चकबन्दी) शीतलेन्द्र सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है. 

गौरतलब है कि पिछले एक माह में चकबंदी आयुक्त ने विभाग में अनुशासनहीनता पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सख्त रुख अख्तियार किया है. इस दौरान सात चकबंदी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है. इनमें सुनील अग्रवाल व रामकिशोर सिंह को अनियमितता को दोषी पाते हुए निलंबित किया गया है. वहीं धीरेन्द्रजीत सिंह को निलंबित कर इनके खि‍लाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है. बरेली के सहायक चकबन्दी अधिकारी सुनील कुमार और अशोक कुमार लाल तथा कौशांबी के सहायक चकबंदी अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है.

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