यूपी में Sale & Production of Biodiesel पर योगी सरकार ने अहम फैसला किया है. इसके तहत सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को देर शाम हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में बायोडीजल के उत्पादन एवं बिक्री के लिए तैयार किए गए दिशानिर्देशों को मंजूरी दी गई. इन दिशा निर्देशों में बायोडीजल के उत्पादन एवं बिक्री के लिए लाइसेंस प्रणाली को भी शामिल किया गया है. यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने मंत्रिपरिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया यूपी में बायोडीजल के उत्पादन एवं बिक्री के दिशा निर्देशों में भविष्य की जरूरतों के मुताबिक आवश्यक संशोधन करने के लिए राज्य के अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री को अधिकृत किया है.
शाही ने बताया कि केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 30 अप्रैल, 2019 को गजट अधिसूचना जारी कर सड़क परिवहन के प्रयोजन हेतु हाई स्पीड डीजल के साथ बायोडीजल का मिश्रण कर इसकी बिक्री के दिशा निर्देश जारी किए थे. यूपी में इस बाबत बायोडीजल के उत्पादन तथा बिक्री के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाना प्रस्तावित था.
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यूपी में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा बायोडीजल (बी-100) के निर्धारित मानक के अनुरूप स्वदेशी बायोडीजल का उत्पादन करते हुए इसकी आपूर्ति, भण्डारण एवं खुदरा बिक्री की जा सकेगी. इसके तहत कोई भी बायोडीजल उत्पादक या खुदरा विक्रेता डीजल के साथ बायोडीजल का अपमिश्रण करके बिक्री नहीं कर सकेगा. इसके अलावा यूपी में बायोडीजल (बी-100) के उत्पादन एवं बिक्री को दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी यूपी नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण यानी UPNEDA को सौंपी गई है. यूपीनेडा ही बायोडीजल (बी-100) के उत्पादन में निहित सभी इकाइयों का पंजीकरण करेगा.
शाही ने बताया कि राज्य के किसी भी जिले में बायोडीजल की खुदरा बिक्री की अनुमति उस जिले के जिलाधिकारी द्वारा दी जाएगी. इसके लिए बायोडीजल का उत्पादन करने एवं इसकी खुदरा बिक्री हेतु जरूरी अनुमोदन या अनापत्ति के साथ पंजीकरण हेतु जिलाधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा.
नियमावली में उप जिलाधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, वरिष्ठ परियोजना अधिकारी या परियोजना अधिकारी, नेडा और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के मिलावट रोधी यूनिट को बायोडीजल का अनधिकृत एवं अवैध उत्पादन को रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में इन लोगों को बायोडीजल के अवैध संयंत्रों, भण्डारण और खुदरा बिक्री केन्द्रों का निरीक्षण करने, तलाशी लेने और इन्हें अपने कब्जे में लेने का अधिकार होगा.
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शाही ने कहा कि इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन होने पर इनमें दंड का प्रावधान भी किया गया है. इसके तहत बायोडीजल के किसी उत्पादक या खुदरा विक्रेता के स्तर पर किसी शर्त अथवा दिशा-निर्देश का उल्लंघन होने पर उसके पंजीकरण को निरस्त किया जा सकेगा. साथ ही इस स्थिति में खुदरा विक्रेता पर अर्थदंड लगाने के अलावा उसका पंजीयन या अनुमति पत्र रद्द करने की कार्रवाई सक्षम प्राधिकारी द्वारा कानून के मुताबिक की जाएगी.
उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई के विरुद्ध अपील भी की जा सकेगी. बायोडीजल उत्पादक के मामले में ये अपील यूपी सरकार के अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव के समक्ष पेश हो सकेगी. जबकि बायोडीजल के खुदरा विक्रेता के विरुद्ध की गई कार्रवाई के विरुद्ध अपील सम्बन्धित मण्डल आयुक्त के समक्ष पेश होगी. उन्होंने भरोसा जताया कि नए दिशा निर्देश बनने से उपभोक्ताओं को सही गुणवत्ता और सही मात्रा में बायोडीजल उपलब्ध हो सकेगा. यह पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में सहायक सिद्ध होगा. साथ ही बायोडीजल की नई उत्पादन इकाइयों एवं खुदरा बिक्री केन्द्रों की स्थापना से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे.
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