उत्तर प्रदेश में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा जिलों में स्थापित राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्रों एवं सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश के बाद विभाग द्वारा जिलों के लिए लक्ष्य का निर्धारण कर दिया गया है. इन केंद्रों पर युवक/युवतियों और किसानों को खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र प्रशिक्षण दिया जाएगा. डिप्टी सीएम मौर्य ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह प्रभावी कार्ययोजना और रूपरेखा तैयार कर युवकों, युवतियों व किसानों को बेहतर से बेहतर प्रशिक्षण दिलाने का निर्देश जारी किया है.
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण कार्यों की लगातार निगरानी भी जाए और प्रशिक्षण प्राप्त करने पर प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार से जोड़ने के प्रभावी प्रयास किए जाएं. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रशिक्षणार्थी फूड प्रोसेसिंग का कार्य कर अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे. वहीं प्रशिक्षित लोग अपनी यूनिट लगाकर अनुदान व अन्य सुविधाओं का लाभ भी ले सकेंगे.
खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा आगरा, अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर, झांसी, प्रयागराज ,वाराणसी, अयोध्या व गोरखपुर के राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्रो के प्रधानाचार्यो, मिर्जापुर, देवीपाटन,बस्ती, आजमगढ़, सहारनपुर व चित्रकूट धाम के खाद्य प्रसंस्करण अधिकारियों तथा फल संरक्षण अधिकारी लखनऊ को निर्देश दिए गए हैं कि वह निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप प्रशिक्षण दिलाना सुनिश्चित करें.
वित्तीय वर्ष 2025-26 में खाद्य प्रसंस्करण में 150 लोगों बेकरी एवं कन्फेक्शनरी में 150 लोगों और कुकरी( पाक-कला) में 150 लोगों को एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स कराया जाएगा. इसी तरह बेकरी एवं कन्फेक्शनरी में 250 लोगों, कुकरी (पाक- कला) में 250 लोगों व सम्मिलित कोर्स में 500 लोगों को एक मासीय अंशकालीन प्रशिक्षण दिया जाएगा. मंडल और जनपद स्तर पर स्थापित राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्रों पर फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में 15402 प्रशिक्षणार्थियों को 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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