यूपी के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में राजकीय पौधशालाओं एवं बागवानी प्रक्षेत्रों में चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति समीक्षा की. इसमें पता चला कि विभिन्न योजनाओं को लागू कर रही एजेंसियों की लापरवाही के कारण योजनाएं लक्ष्य से बहुत पीछे चल रही हैं. मौसम की बेकाबू गतिविधियों को देखते हुए इन योजनाओं के लंबित होने का सीधा असर आगामी सीजन में बागवानी एवं वृक्षारोपण के सालाना अभियानों पर पड़ना तय है. विलंबित योजनाओं के आसन्न खतरे पर सिंह ने गंंभीर नाराजगी जताई है. उन्होंने निर्धारित समय में योजनाएं पूरी नहीं करने वाली एजेंसियों को दंडित करने के निर्देश देते हुए इस मामले में विभाग के निदेशक एवं मंडल स्तर पर तैनात उपनिदेशकों की जवाबदेही तय कर दी है.
उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने जिला स्तर पर चल रहे विभाग के कामों की वर्चुअल माध्यम से समीक्षा की. इसमें सभी जिलों की राजकीय पौधशालाओं एवं बागवानी प्रक्षेत्रों में चल रहे कामों की जानकारी लेने पर कुछ जिलों में निर्माण कार्यों से जुड़ी परियोजनाएं धीमी गति से चलने की बात उजागर हुई. इस पर गुस्साए मंत्री ने संबंद्ध विभागीय अधिकारियों से परियोजनाओं का काम कर रही एजेंसियों से लंबित काम पूरा होने की तारीख बताने को कहा.
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उन्होंने अधकिारियों को निर्देश दिया कि काम कर रही एजेंसियों को करार के मुताबिक काम पूरा होने की तारीख याद कराई जाए. उन्होंने इस बात का ध्यान रखने को कहा कि काम पूरा करने की जल्दबाजी में काम की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं होना चाहिए.
सिंह ने लंबित परियोजनाओं को समय से पूरा कराने के लिए उद्यान विभाग के निदेशक और उपनिदेशकों की जवाबदेही तय करते हुए इन अधिकारियों को नियमित तौर पर मानिटरिंग करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए 15 दिन में उप निदेशक स्तर के अधिकारी तथा 01 महीने में उद्यान निदेशक, निर्माण कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करना सुनिश्चित करें.
सिंह ने जिला स्तर पर तैनात विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय करते हुए कहा कि जिला उद्यान अधिकारी अपने जनपद में होने वाले निर्माण कार्य में देरी के लिए जिम्मेदार होंगे. इसलिए जनपद स्तरीय अधिकारी उक्त परियोजना से जुड़ी एजेंसी के संपर्क में रहें और उनके काम का समय समय पर निरीक्षण करें.
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उद्यान मंत्री ने अधिकारियों को दोटूक निर्देश दिया कि पूरी सख्ती के साथ समय से काम पूरा कराया जाए. उन्होंने कहा कि काम करने वाली जो एजेंसी पूर्व निर्धारित समय में काम पूरा न कर पाए उसे दंडित किया जाए. इसमें एजेंसी पर अर्थदंड लगाने या 'काली सूची' में डालने जैसी कार्रवाई की जा सकती है. इतना ही नहीं, उन्होंने काम की गुणवत्ता एवं समय से काम पूरा न होने पर संबद्ध एजेंसी के साथ, संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हितों के लिए निरंतर प्रयास करने के क्रम में किसानों के लिए विभिन्न योजनाओं को संचालित कर रही है. इन योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के काम में निर्माण कार्य भी कराए जा रहे हैं. इन कामों में देरी का सीधा असर किसानों के हितों पर पड़ेगा, इसलिए किसानों से जुड़े किसी भी काम मे शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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