यूपी की योगी सरकार को हाल ही में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीअरईएस 23) में 32 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. इसमें से लगभग एक चौथाई निवेश अक्षय ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी और लघु एवं कुटीर उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र में किया जाना है. सरकार को भरोसा है कि ये निवेश ग्रामीण इलाकों में ही जमीन पर उतारा जाएगा. इससे गांव देहात के मनरेगा में पंजीकृत श्रमिकों को काम एवं युवाओं को स्वरोजगार के भरपूर अवसर मिलेंगे.
यूपी की मनरेगा उपायुक्त रेणु तिवारी ने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से प्रदेश को 2.22 करोड़ मानव दिवस का काम स्वीकृत हुआ है. इसका सीधा लाभ ग्रामीण इलाकों के मनरेगा मजदूरों को मार्च में भरपूर काम मिलने के रूप में होगा. यह काम केन्द्र और राज्य सरकार की ग्रामीण इलाकों में चल रही तमाम विकास योजनाओं के जरिए मजदूरों को मिलेगा.
यूपी सरकार ने बुधवार को पेश बजट प्रस्ताव में दावा किया है कि राज्य में मनरेगा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में मध्य फरवरी तक प्रदेश में राज्य सरकार के स्तर पर 26 लाख 29 हजार मानव दिवस सृजित किए गए. इसके साथ ही यूपी, मनरेगा मजदूरों के लिए सर्वाधिक मानव दिवस सृजित करने वाला राज्य बन गया है.
मनरेगा विभाग का दावा है कि यूपी को केंद्र सरकार की ओर से मनरेगा में अतिरिक्त मानव दिवस स्वीकृत होने से इस साल गर्मी में मजदूरों को काम की कमी नहीं रहेगी.आम तौर पर गर्मी के मौसम में दिहाड़ी मजदूरों के लिए ग्रामीण इलाकों में काम का अभाव सरकार के लिए चिंता की वजह बन जाता है.
मनरेगा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में 10 जनवरी तक 64.22 लाख मनरेगा परिवारों को मनरेगा में काम मिल चुका है. इनमें से 3.67 लाख श्रमिक परिवारों को इस अवधि में 100 दिन का काम अब तक मिल चुका है.
केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से मिल रहे मनरेगा के काम को अगर समन्वित रूप से देखा जाए तो यूपी में चालू वित्त वर्ष में कुल सृजित मानव दिवस की संख्या बढ़कर 31 करोड़ हो जाएगी. हालांकि यूपी में बीते दो सालों की तुलना में मनरेगा में सृजित मानव दिवस की संख्या कम रही.
विभाग के आंकड़ों के अनुसार यूपी में कोरोना काल के दौरान साल 2020-21 में 39.45 करोड़ मानव दिवस सृजित हुए थे. इस वजह से श्रमिकों को खूब काम मिला था. जबकि 2021-22 में मनरेगा मजदूरों के लिए सृजित मानव दिवस की संख्या घटकर 32.56 करोड़ रह गई थी.
ये भी पढ़ें, MGNREGA में रोजगार देने में UP रहा अव्वल, गांव-गांव बने अमृत सरोवर
ये भी पढ़ें, यहां जानिए भेड़ और बकरी पालन में क्या होता है अंतर, देखें वीडियो
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today