UP में बुंदेलखंड के महोबा जिले में किसान पहले से ही दैवीय आपदाओं की मार झेल रहे हैं. वहीं अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बड़े घोटाले ने उनकी कमर तोड़ दी है. किसानों की आय दोगुनी करने और आपदाओं में फसल नष्ट होने पर नुकसान की भरपाई का दावा करने वाली इस योजना में विभागीय मिलीभगत से भारी धांधली सामने आई है. सदर तहसील के मुरैनी गांव के 167 किसानों की 153 हेक्टेयर कृषि भूमि पर 42 अज्ञात लोगों ने फर्जी तरीके से कब्जा जमाकर बीमा राशि हड़प ली.
आरोप है कि कृषि विभाग और बीमा कंपनी की साठगांठ से 54 लाख रुपये की बीमा राशि का गबन किया गया. हैरानी की बात यह है कि गांव में वास्तविक रूप से 153 हेक्टेयर भूमि है, जबकि बीमा चोरों और दलालों ने नदी, तालाब और रास्तों को भी कृषि भूमि दिखाकर 159.6 हेक्टेयर दर्ज करा दिया और उसी आधार पर बीमा क्लेम निकाल लिया.
पीड़ित किसान बताते हैं की फसल बीमा में खुद को बटाईदार दिखाकर किसानों की भूमि का गाटा संख्या इस्तेमाल कर ये घोटाला किया गया. जमीन किसी और के नाम पर और बीमा राशि किसी और के नाम पर निकाला गया है जिसमें कहीं न कहीं कृषि विभाग और बीमा कंपनी की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता.
इस घोटाले से किसानों के हक पर सीधा डाका डाला गया. कृषि अधिकारी रामसजीवन की तहरीर पर इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस बीमा कंपनी के जिला प्रबंधक निखिल चतुर्वेदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है, लेकिन किसानों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है.
उनका कहना है कि अभी तक अन्य आरोपियों के चेहरे उजागर नहीं हुए और न ही उनकी गिरफ्तारी हुई है. किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. गांव के किसानों का कहना है कि जब सिर्फ एक गांव मुरैनी में ही 54 लाख रुपये का घोटाला हो गया तो पूरे जिले में इस योजना के नाम पर कितना बड़ा भ्रष्टाचार हुआ होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.
किसानों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो, बीमा राशि की भरपाई किसानों को दी जाए और इस तरह की धांधली पर अंकुश लगाया जाए. किसानों का कहना है कि जिस तरह बीमा कंपनी के जिला प्रबंधक पर मुकदमा हुआ है, उसी प्रकार जिन लोगों ने अपने फर्जी खाते लगाकर किसानों की बीमा राशि को हड़प लिया, उनके खिलाफ भी मुकदमा लिखकर गिरफ्तारी होनी चाहिए.
इस मामले को लेकर कृषि अधिकारी राम सजीवन ने बताया कि डीएम द्वारा पूरे मामले में जांच कर प्रथमदृष्टया जिला बीमा कंपनी के जिला प्रबंधक निखिल को दोषी पाया था जिस आधार पर मेरे द्वारा तहरीर देकर मुकदमा निखिल और अन्य अज्ञातों पर लिखाया गया है. इस मामले को लेकर एसपी प्रबल प्रताप सिंह बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की सुरक्षा कवच बनने के बजाय धोखाधड़ी का जरिया बनती नजर आ रही है. महोबा के किसान अब न्याय और अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं.
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