यूपी के गांवों में विकास कार्यों की समीक्षा करते उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, फोटो: साभार, यूपी सरकार यूपी के उपमुख्यमंत्री एवं ग्राम्य विकास मंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पहल पर शुरू राज्य के हर ब्लॉक में शामिल गांवों की अलग परिस्थियों में एवं जरूरताें को देखते हुए अलग विकास योजनाएं बनाई जाएंगी. इस काम में ब्लॉक प्रमुख और खंड विकास अधिकारी शामिल होंगे. इन योजनाओं पर विचार मंथन कर अंतिम रूप देने के लिए मंडलीय सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे.
उपमुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार गावों में विकास को धार देने के लिए खण्ड विकास अधिकारियों व ब्लाक प्रमुखों के मंडलीय सम्मेलन की शुरुआत 9 अप्रैल को झांसी से हाेगी. सम्मेलन में ब्लॉक के सभी गांवों की स्थानीय आवश्यकताओ के अनुरूप विकास योजनाओं का खाका तैयार कर उसे धरातल पर उतारने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा.
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मौर्य ने कहा कि इस कवायद का मकसद हर गांव की अलग अलग जरूरतों को देखते हुए गांव को एक इकाई मानकर उसके लिए विकास योजना बनाना है. उन्होंने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि के रूप में ब्लॉक प्रमुख अपने ब्लॉक के सभी गांवों की समस्याओं एवं विकास की जरूरतों से वाकिफ होता है. इसलिए हर गांव की विकास योजनाओं का खाका खींचने की जिम्मेदारी ब्लॉक प्रमुख को देना व्यवहारिक है. उन्होंने कहा कि इसके लिए आयोजित होने वाले मंडलीय सम्मेलन में ब्लॉक प्रमुख के परामर्श से हर गांव की विकास योजनाओं का रोडमैप बनाया जाएगा.
इससे विकास कार्यों में और अधिक गति व धार दी जा सकेगी. मंडलीय सम्मेलनों में स्थानीय व क्षेत्रीय आवश्यकताओं तथा आधारभूत ढांचे के अनुरूप विकास कार्यों काे जमीन पर लागू करने की कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी.
मौर्य ने कहा कि ग्रामीण विकास में आड़े आ रही समस्याओं को भी समझते हुए उनके निराकरण की प्रभावी योजना बनाने के लिए विभिन्न पक्षकारों से इनोवेटिव आइडिया भी लिए जाएंगे. इनमें ब्लॉक प्रमुखों के सुझाव की मंडल स्तर पर गहन समीक्षा होगी.
उन्होंने कहा कि ब्लॉक प्रमुखों के सुझावों को युवाओं के स्टार्ट अप एवं अन्य माध्यमों से इनोवेटिव आइडिया की मदद से अमलीजामा पहनाया जाएगा. जिससे गांव के विकास कार्यों को नए पंख लग सकें.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के नवाचार आधारित विकास को सुनिश्चित करने के लिए उत्कृष्ट इनोवेटिव आइडिया देने वालों एवं विकास कार्यों को बेहतर तरीके से अंजाम देने वाले खंड विकास अधिकारियों तथा ब्लॉक प्रमुखों को मंडलीय सम्मेलनों में सम्मानित किया जाएगा. जिससे अन्य लोगों को भी ऐसा काम करने की प्रेरणा मिले.
उन्होंने कहा कि इससे विकास की प्रक्रिया में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहाैल बनेगा. उन्होंने बताया कि आगामी 9 अप्रैल को झांसी में मंडलीय सम्मेलन आयोजित होगा. इसके बाद 12 अप्रैल को बरेली मंडल में एवं 13 अप्रैल को प्रयागराज मंडल में ये सम्मेलन आयोजित करने का कार्यक्रम है.
ग्राम्य विकास विभाग की ओर से मंडलीय समीक्षा सम्मेलनों के संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इनमें कहा गया है कि मंडलीय सम्मेलनों एवं समीक्षा बैठक में संबंधित मंडल में शामिल सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारी, मंडल के संयुक्त विकास आयुक्त, जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक डीआरडीए, उपायुक्त (श्रम रोजगार/स्वत: रोजगार), मंडल के सभी खंड विकास अधिकारी व सभी ब्लाक प्रमुख अनिवार्य रूप से शामिल होंगे. इस प्रक्रिया में समस्त व्यवस्थाओं के नोडल अधिकारी का दायित्व जिले के मुख्य विकास अधिकारी को दिया गया है.
मौर्य ने बताया कि ग्राम चौपालों के आयोजन के साथ ही मंडलवार, ब्लाक प्रमुखों एवं खंंड विकास अधिकारियों के सम्मेलन भी आयोजित किए जा रहे हैं. मौर्य ने बताया कि प्रयोग के तौर पर आगरा एवं कानपुर मंडल में इस तरह के सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा व्ययवस्था में ब्लाक प्रमुखों को महसूस होता है कि विकास कार्यों में उनकी बात सुनी नहीं जाती है. अब सभी ब्लॉक प्रमुखों को गांव के विकास की प्रक्रिया का मुख्य भागीदार बनाकर इस शिकायत को दूर किया जा सकेगा.
मौर्य ने बताया कि मंडलीय सम्मेलनों के जरिए ग्राम चौपालों को भी और अधिक सक्रिय एवं सफल बनाया जा सकेगा. कई गांवों की संयुक्त समस्याओं काे इन सम्मेलनो में मौजूद ब्लाॅक प्रमुखो व खण्ड विकास अधिकारियों के सुझावों से हल किया जा सकेगा.
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