Self Employment : अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारी, कुम्हारों को ऑर्डर मिलने का इंतजार

Self Employment : अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारी, कुम्हारों को ऑर्डर मिलने का इंतजार

अयोध्या में हर साल दि‍वाली पर आयोजित होने वाला दीपोत्सव हर किसी के जीवन में समृद्धि लाने वाला साबित हो रहा है. हर साल नया World Record कायम करने वाला यह उत्सव उन कुम्हार परिवारों की समृद्धि का सहारा बना है, जो इसमें अपनी मेहनत से मिट्टी के दीये बनाकर देते हैं. कुम्हारों ने हालांकि दीये बनाने की तैयारी पूरी कर ली है, बस उन्हें अभी ऑर्डर मिलने का इंतजार है.

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Self Employment : अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारी, कुम्हारों को ऑर्डर मिलने का इंतजारसीएम योगी की पहल पर अयोध्या के कुम्हार जुटे दीपोत्सव की तैयारी में (सांकेतिक फोटो)

यूपी के CM Yogi Adityanath की पहल पर अयोध्या में दिवाली के अवसर पर पिछले 8 साल से दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. सरकार ने इस साल 8 वें दीपोत्सव के मौके पर 25 लाख दीये प्रज्ज्वलि‍त करने का लक्ष्य तय किया है. सरकार के इस फैसले से दीये बनाने वाले कुम्हारों के परिवार में खुशी का माहौल है. यहां के कुम्हारों ने इस साल दीपोत्सव में दीये की आपूर्ति करने की तैयारी कर ली है. उन्हें उम्मीद है कि अब जल्द ही उन्हें दीये बनाने का Work Order मिल जाएगा. दीपोत्सव में प्रज्वलित किए जाने वाले दीयों की संख्या में साल दर साल इजाफा होने से कुम्हारों की आय में भी लगातार इजाफा हो रहा है. उन्हें लगता है कि सरकार की इस पहल से अयोध्या के कुम्हारों के जीवन में समृद्धि के 'दीप' जल रहे हैं. दीपोत्सव का आगाज होने से पहले जिन कुम्हारों की आय 20 से 25 हजार रुपये तक ही हो पाती थी, अब दीपोत्सव में ही दीयों की आपूर्ति करने वाले कुम्हार लखपति बन जाते हैं. गौरतलब है कि अयोध्या में जयसिंहपुर गांव के 40 कुम्हार परिवार बना रहे दीपोत्सव के लिए दीयों की आपूर्ति करते हैं.

कुम्हारों का बदल रहा जीवन

UP Govt की ओर से बताया गया कि भगवान राम की नगरी अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन शुरू होने से कुम्हारों के जीवन में बेहतरी का बदलाव आया है. सरकार का दावा है कि कभी रोजी-रोटी के लिए परेशान दिखने वाले कुम्हार अब दीपोत्सव के दौरान ही एक लाख रुपये तक कमा लेते हैं. आयाेजक जल्द ही कुम्हारों को दीये बनाने का वर्क ऑर्डर दे देंगे.

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गौरतलब है कि 2017 में योगी सरकार बनते के बाद अयोध्या में दीपोत्सव का आगाज किया गया था. भगवान राम के वनवास से लौटकर आने की खुशी में मनाई जाने वाली दीवाली के पर्व पर 8 साल से राम की पैड़ी पर दीपोत्सव का आयोजन हो रहा है.

कुछ खास होगा 8वां दीपोत्सव

जयसिंहपुर गांव के कुम्हारों ने 25 लाख दीयों को बनाने का काम शुरू कर दिया है. दीपोत्सव के आयोजकों का कहना है कि अयोध्या में भगवान राम के नवनिर्मित मंदिर में रामलला की मूर्ति विराजमान होने के बाद दिवाली पर यह पहला दीपोत्सव होगा. इसलिए 8वें दीपोत्सव को खास बनाने के लिए व्यापक एवं भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा. इसके मद्देनजर ही सीएम योगी ने इस साल 25 लाख दीये जलाने का ऐलान किया है.

यही वजह है कि अयोध्या में विद्या कुंड के पास स्थित जयसिंहपुर गांव के 40 कुम्हार परिवार पहले से ही दीयों को बनाने में जुट गए हैं. जयसिंहपुर की लक्ष्मी प्रजापति ने बताया कि योगी सरकार की इस पहल ने गांव के कुम्हारों के घरों को रोशन कर दिया है. उन्होंने बताया कि उनका परिवार 30 से 35 हजार दीये बनाकर बेचता है. इससे उनकी भरपूर आय हो जाती है.

इसी गांव के राकेश प्रजापति बताते हैं कि अभी उनके परिवार को दीपोत्सव के लिए दीये बनाने का ठेका नहीं मिला है. इसके बाद भी उन्होंने पिछले सालों में मिले आर्डर को देखते हुए दीये बनाने शुरू कर दिए हैं. राकेश ने कहा कि सीएम योगी की पहल पर दीपोत्सव का आयोजन होने से उनके परिवार की आमदनी बढ़ी है.

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अब चीन की झालर हैं नदारद

अयोध्या में रहने वाली गृहणी आशा ने बताया कि 8 साल पहले तक दिवाली के समय अयोध्या में चीन की बनी झालरों का बोलबाला रहता था. अब सीएम योगी की पहल पर सभी अयोध्या वासियों ने चीन की झालर से अपना घर सजाने के बजाय मिट्टी से बने दीयों को अपना लिया है.

आशा का परिवार अब हर साल दिवाली पर 20 से 25 हजार दीये बनाकर दीपोत्सव में आपूर्ति करता है. साथ ही स्थानीय लोगों को भी दीये बेचकर भरपूर आय हो जाती है. उन्होंने कहा कि अब अयोध्या में चीन की झालर का वजूद ही नहीं रहा है. लोग अब मिट्टी के दीये ही प्रज्वलित करते हैं.

आयोजकों  ने अयोध्या में 8वें दीपोत्सव का Count Down शुरू कर दिया है. इसके साथ ही अयोध्या नगरी जयसिंहपुर गांव के कुम्हारों का सहयोग लेकर एक नया कीर्तिमान रचने की तैयारी में जुट गई है. दीपोत्सव को लेकर District Administration ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस काम में जिला प्रशासन के अलावा Awadh University के छात्र भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं.

गौरतलब है कि 2017 में आयोजित हुए पहले दीपोत्सव में 1.71 लाख दीये प्रज्वलित करने का विश्व रिकॉर्ड कायम किया गया था. हर साल यह संख्या लगातार बढ़ते हुए 2018 में 3.01 लाख, 2019 में 4.04 लाख, 2020 में 6.06 लाख, 2021 में 9.41 लाख, 2022 में 15.76 लाख और 2023 में 22.23 लाख पर पहुंच गई. अब इस साल इसे 25 लाख दीयों तक ले जाने का लक्ष्य है.

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