Heritage tree: 100 वर्ष से अधिक आयु के  948 वृक्ष घोषित हुए विरासत वृक्ष, वाराणसी में मिले सर्वाधिक

Heritage tree: 100 वर्ष से अधिक आयु के  948 वृक्ष घोषित हुए विरासत वृक्ष, वाराणसी में मिले सर्वाधिक

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार विरासत वृक्ष अंगीकरण योजना के तहत प्रदेश के 948 विरासत वृक्ष को संवारने का काम करेगी. 100 वर्ष से अधिक आयु के 28 प्रजाति के वृक्षों को विरासत वृक्ष घोषित किया गया है. यह वृक्ष प्रदेश के सभी 75 जनपदों में है

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Heritage tree: 100 वर्ष से अधिक आयु के  948 वृक्ष घोषित हुए विरासत वृक्ष, वाराणसी में मिले सर्वाधिकबाराबंकी का परिजात वृक्ष बना विरासत वृक्ष

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार विरासत वृक्ष अंगीकरण योजना के तहत प्रदेश के 948 विरासत वृक्ष (Heritage tree) को संवारने का काम करेगी. 100 वर्ष से अधिक आयु के 28 प्रजाति के वृक्षों को विरासत वृक्ष घोषित किया गया है. यह वृक्ष प्रदेश के सभी 75 जनपदों में है. प्रदेश की योगी सरकार पेड़ पौधों के जरिए भी विरासत का सम्मान करने के प्रति प्रतिबद्ध है. वाराणसी में सर्वाधिक 99 विरासत वृक्ष पाए गए हैं जबकि प्रयागराज में 53,हरदोई में 37 ,गाजीपुर में 35 और उन्नाव में 34 विरासत वृक्ष घोषित हुए हैं. विलुप्त हो रही वृक्ष प्रजातियों के संरक्षण व पौराणिक तथा ऐतिहासिक अवसरों, महत्वपूर्ण घटनाओं, अति विशिष्ट व्यक्तियों, स्मारक, धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं से जुड़े हुए वृक्षों को संरक्षित कर जनसामान्य में इनके प्रति जागरूकता पैदा करने का काम सरकार करेगी. पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन द्वारा विरासत  वृक्ष  के चयन व अभिलेखीकरण के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं.

28 प्रजातियों के 100 पुराने वृक्ष को घोषित किया गया विरासत वृक्ष

उत्तर प्रदेश में राज्य जैव विविधता बोर्ड ने गैर वन क्षेत्र पर अवस्थित 100 वर्ष से अधिक आयु के 28 प्रजातियों को विरासत वृक्ष(Heritage tree)  घोषित किया गया है. वन की प्रजातियों में अरु,अर्जुन, आम ,इमली, कैम, करील, कुसुम ,खिरनी ,शमी, गम्हार, गूलर, चितवन, चिलबिल ,जामुन, नीम, ऐडनसोनिया, पाकड़, पीपल, पीलू ,बरगद ,महुआ ,महोगनी, मैसूर बरगद  शीशम, साल , सेमल, हल्दु व तुमाल शामिल है. इन में बरगद प्रजाति के 363 व पीपल प्रजाति के 422 वृक्ष शामिल है.

स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े वृक्ष भी बने विरासत (Heritage tree)

प्रदेश सरकार के द्वारा घोषित विरासत वृक्ष में आध्यात्मिक व स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े वृक्ष भी शामिल किए गए हैं.  प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी के सभी 75 जिलों में विरासत वृक्षों को खोज कर इन्हें संरक्षित करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई है. सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में हनुमान मंदिर, काली मंदिर के समीप व गौशाला के अंदर बरगद व पाकड़ वृक्षों सहित पूरे जनपद में 19 वृक्ष को विरासत वृक्ष घोषित किया गया है. वही लखनऊ , वाराणसी के  दशहरी आम व लंगड़ा आम का  मदर वृक्ष, फतेहपुर का बाचन इमली, मथुरा के इमलीलता मंदिर परिसर का इमली वृक्ष, प्रतापगढ़ का करील वृक्ष ,बाराबंकी में स्थित एडनसोनिया वृक्ष ,हापुड़ व संत कबीर नगर में  स्थित पाकड़ वृक्ष, सारनाथ का  बोधि वृक्ष, बाबा झारखंड के नाम से प्रसिद्ध अंबेडकर नगर का पीपल वृक्ष व ऑर्डिनेंस क्लॉथ फैक्ट्री शाहजहांपुर में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा पीपल वृक्ष भी शामिल किया गया है.

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आध्यात्मिक स्थलों से जुड़े विरासत वृक्षों की हुई पहचान

प्रदेश में विरासत वृक्षों में चीनी यात्री  द्वारा उल्लिखित झूंसी प्रयागराज का एडनसोनिया वृक्ष, मथुरा के टेर कदंब मंदिर परिसर व निधिवन में अवस्थित पीलू वृक्ष, प्रयागराज के किले में अक्षयवट, उन्नाव जनपद में वाल्मीकि आश्रम, लव कुश जन्म स्थली व जानकीकुंड के नाम से प्रसिद्ध स्थल पर अवस्थित बरगद वृक्ष एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े एन.बी.आर.आई लखनऊ व महामाया देवी मंदिर परिसर गाजियाबाद में अवस्थित बरगद वृक्ष भी शामिल है.

 

 

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