किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा देने और रिस्क कम करने के लिए तेलंगाना सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. वो अब दोबारा आधिकारिक तौर पर 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' (पीएमएफबीवाई) में शामिल हो गया है. राज्य की 9 मार्च 2024 से इस योजना में दोबारा एंट्री हो गई है. कृषि क्षेत्र में मौसम की अनिश्चितताओं से किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह फैसला हुआ है. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राज्य की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि किसानों के हितों और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कृषि क्षेत्र की रीढ़ को मजबूत करना है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फिर से प्रवेश करने का निर्णय राज्य सचिवालय में आयोजित एक बैठक के दौरान लिया गया. जिसमें राज्य के कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव, पीएमएफबीवाई के सीईओ और संयुक्त सचिव रितेश चौहान सहित कई अधिकारी मौजूद रहे. इससे पहले आंध्र प्रदेश भी एक बार इस योजना से बाहर होकर दोबारा इसमें जुड़ चुका है. क्योंकि इस योजना केजरिए किसानों का रिस्क कम होता है.
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बैठक के दौरान 2016 से 2020 तक पीएमएफबीवाई में तेलंगाना की प्रारंभिक भागीदारी और उसके बाद पिछले प्रशासन द्वारा वापसी पर चर्चा हुई. योजना में राज्य के दोबारा शामिल होने के साथ, राज्य का लक्ष्य आगामी फसल सीज़न से किसानों के लिए फसल बीमा का लाभ बहाल करना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वे संभावित फसल नुकसान और खेती क्षेत्र में प्रतिकूलताओं से सुरक्षित हैं.
रितेश चौहान ने आश्वासन दिया कि तेलंगाना में पीएमएफबीवाई के कार्यान्वयन से फसल के नुकसान के लिए समय पर मुआवजा मिलेगा, जिससे चुनौतीपूर्ण समय में किसानों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित होगी. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राज्य की व्यापक विकास रणनीति की आधारशिला के रूप में किसान-केंद्रित नीतियों को क्रियान्वित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई.
यह योजना इसलिए संचालित की गई है क्योंकि प्राकृतिक आपदा के समय किसानों को लाभ मिले. उन्हें मुआवजा मिले. बैठक में राज्य के वित्त विभाग के मुख्य सचिव रामकृष्ण राव सहित प्रमुख सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया. मुख्यमंत्री के सचिव चन्द्रशेखर रेड्डी, राज्य कृषि एवं सहकारिता विभाग के सचिव रघुनंदन राव और कृषि विभाग के निदेशक गोपी भी मौजूद रहे. पीएमएफबीवाई में तेलंगाना की वापसी भारत सरकार और राज्य सरकार के कृषि समुदाय की सुरक्षा करने, अपने किसानों के लिए समृद्ध भविष्य को बढ़ावा देने के संकल्प को रेखांकित करती है.
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