कृषि क्षेत्र को नया आयाम देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लक्ष्य के साथ केंद्र सरकार ने आज ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY)’ की आधिकारिक तौर पर शुरुआत की. इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत देश के 100 आकांक्षी कृषि जिलों को चुना गया है, जिन्हें अन्य विकसित कृषि क्षेत्रों की बराबरी पर लाया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने भाषण में इस योजना का ऐलान किया था और इसे कैबिनेट से भी मंजूरी मिली थी.
आज पीएम मोदी ने नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से हरी झंडी दिखाई. इस योजना पर 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें विभिन्न राज्यों की कई योजनाओ को मिलाकर इसका संचालन किया जाएगा. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि यह योजना हमारे देश के किसानों का भाग्य बदलने का काम करेगी.
योजना के तहत देशभर के तमाम राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों से चयनित जिलों की सूची जारी हो चुकी है. इसमें उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, जिसके 12 जिले- महोबा, सोनभद्र, हमीरपुर, बांदा, जालौन, झांसी, उन्नाव, प्रयागराज, चित्रकूट, प्रतापगढ़, श्रावस्ती और ललितपुर शामिल हैं.
इसके बाद महाराष्ट्र के 9 जिले (पालघर, यवतमाल, गढ़चिरोली, धुले, रायगढ़, छत्रपति संभाजीनगर, चंद्रपुर, नांदेड़ और बीड) और बिहार के 7 जिले (मधुबनी, दरभंगा, बांका, गया, सिवान, किशनगंज और नवादा) शामिल किए गए हैं.
मध्य प्रदेश और राजस्थान के आठ-आठ जिले सूची में हैं, जबकि आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल से चार-चार जिले शामिल किए गए हैं.
यह योजना 2025-26 से शुरू होकर छह साल तक लागू रहेगी, जिसपर करीब 24,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. अनुमान है कि इससे 1 करोड़ 70 लाख किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. खास बात यह है कि इस योजना के लिए अलग से कोई नया बजट नहीं रखा गया है, बल्कि केंद्र के 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करके लागू किया जाएगा.
सरकार ने योजना में निजी निवेश को भी बढ़ावा देने का फैसला किया है.
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