
मौजूदा वक्त में भारत के अलग-अलग राज्यों में उगाई जाने वाली चाय काफी मशहूर है. असम, गुवाहाटी, दार्जिलिंग और जम्मू-कश्मीर की चाय के तो लोग दीवाने थे ही, अब इस लिस्ट में बिहार का नाम भी जुड़ गया है. दरअसल, बिहार के किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है, जिससे चाय कि खेती से जुड़कर किसानों की आर्थिक कमाई बढ़ रही है. इसके लिए सरकार चाय विकास योजना 2025-26 के तहत चाय कि पत्तियों को तोड़कर रखने के लिए शेड बनाने पर 50 फीसदी सब्सिडी दे रही है. ऐसे में आइए जानते हैं किसान कैसे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
बिहार सरकार के कृषि विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सरकार चाय विकास योजना के तहत राज्य के किसानों को चाय कि पत्ति को तोड़कर रखने के लिए गोदाम यानी शेड बनाने पर फिलहाल न्यूनतम पांच एकड़ क्षेत्र वाले किसानों को लागत राशि 75000 हजार तय की गई है. इसमें किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी के तहत 37500 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. वहीं, बता दें कि इस योजना का लाभ 5 जिलों के किसान उठा सकते हैं, जिसमें किशनगंज, अररिया, सुपौल, पूर्णिया और कटिहार शामिल है.
चाय की खेती के लिए ठंडी और नम जलवायु की जरूरत होती है. वहीं, चाय के पौधों को उगाने के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है.चाय के पौधे को बीज या कलमों से उगाया जाता है. बीज से चाय उगाने में कम से कम तीन साल लगते हैं. साथ ही चाय की खेती मॉनसून के तुरंत बाद करनी चाहिए. वहीं, इसकी खेती से पहले खेत की जुताई करनी चाहिए. इसके बाद खेत में गोबर और खाद डाल दें. इसके बाद बीज या कमल को लगा दें.
यदि आप भी बिहार के किसान हैं और चाय की पत्तियों को रखने के लिए शेड बनवाना चाहते हैं तो इसके लिए सरकार सब्सिडी मुहैया करा रही है. इसके लिए किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इस सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के लिंक पर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा किसान अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि या बागवानी विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं.
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