प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) के लाभार्थियों की संख्या में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. साल 2022 में अप्रैल-जुलाई के दौरान पीएम किसान के लाभार्थियों की संख्या 10.47 करोड़ थी, जो अब घटकर 8.12 करोड़ रह गई है. हालांकि, केंद्र सरकार ने विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू करने के बाद "संतृप्ति अभियान" के तहत 34 लाख नए किसानों को पीएम किसान योजना से जोड़ा है.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 नवंबर को प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान की 15वीं किस्त जारी की थी. तब 8.12 करोड़ किसानों के खाते में 2,000 रुपये की किस्त पहुंची. वहीं, पीएम किसान की लाभार्थियों सूची में जोड़े गए 34 लाख नए किसान अब अगले साल 16वीं किस्त का लाभ उठाएंगे. खास बात यह है कि 34 लाख नए लाभार्थियों में से उत्तर प्रदेश के किसान सबसे अधिक है. यहां पर 8.50 लाख नए किसानों को योजना से जोड़ा गया है. इसके बाद राजस्थान में 2.39 लाख, मणिपुर में 2.27 लाख, झारखंड में 2.2 लाख और महाराष्ट्र में 1.89 लाख पीएम किसान के नए लाभार्थी जोड़े गए हैं.
योजना को लागू करने वाले केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि जनवरी 2024 में विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंत तक किसान लाभार्थियों की कुल संख्या 8.75 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है. पिछले वित्तीय वर्ष में योजना के लाभार्थियों की घटती संख्या को देखते हुए पीएम-किसान में 34 लाख से अधिक किसानों को शामिल किया जाना महत्वपूर्ण है. इस साल अगस्त-नवंबर में यह और भी गिरकर 3 साल के निचले स्तर पर आ गया है.
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इस महीने की शुरुआत में तत्कालीन कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा लोकसभा में साझा किए गए आकड़े के अनुसार, पीएम-किसान लाभार्थियों की संख्या अप्रैल-जुलाई 2022 में 10.47 करोड़ तक पहुंच गई. अगले महीनों में इसमें तेजी से गिरावट आई. अगस्त में 8.57 करोड़ हो गई. नवंबर और दिसंबर-मार्च 2022-23 में यह संख्या 8.12 करोड़ पर पहुंच गई. इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान यह मामूली बढ़कर 8.57 करोड़ हो गया, लेकिन अगस्त-नवंबर में घटकर 8.12 करोड़ रह गया. हालांकि, दिसंबर-मार्च 2019-20 में अब तक का सबसे कम 8.09 करोड़ था.
लाभार्थियों की संख्या में गिरावट के साथ, पीएम-किसान के तहत धन के वार्षिक वितरण में भी गिरावट आई है. साल 2021-22 में पीएम किसान के तहत लाभार्थियों को 67,121 करोड़ रुपये बांटे गए, जो सबसे अधिक रकम थी. वहीं, साल 2022-23 में गिरकर यह आंकड़ा 58,258 करोड़ रुपये हो गया. इस वित्त वर्ष में 22 नवंबर तक सरकार 38,660 करोड़ रुपये बांट चुकी है. चालू वित्त वर्ष के लिए दिसंबर-मार्च की अंतिम किस्त देय है.
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संसद के हाल ही में समाप्त हुए शीतकालीन सत्र के दौरान, तोमर ने पीएम-किसान के तहत धन के वार्षिक वितरण में गिरावट को स्वीकार किया था. वित्त वर्ष 2022-23 में थोड़ी गिरावट आई थी. इसका कारण किसानों के लिए अनिवार्य भूमि बीजारोपण प्रावधान की शुरूआत और उनके सक्रिय बैंक खाते के साथ आधार को जोड़ना था. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभ सीधे इच्छित लाभार्थियों के खातों में आसानी से स्थानांतरित हो जाएं.
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