केंद्र सरकार ने आज बुधवार को कैबिनेट मीटिंग में कई फैसलों को मंजूरी दी. इस दौरान पीएम अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) के लिए 35,000 करोड़ रुपये भी मंजूर किए गए हैं. पीएम-आशा योजना का उद्देश्य किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करना और उपभोक्ताओं के लिए बाजार मूल्य को स्थिर करना है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है.
योजना का उद्देश्य किसानों को फसल कटाई के समय मजबूरी में फसल बेचने से बचाना है. इस योजना से दालों, तिलहनों और अन्य आवश्यक कृषि-बागवानी वस्तुओं के उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा, किसानों की आय बढ़ेगी और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी. एक अन्य फैसले में केंद्र सरकार ने किसानों को रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के फैसले को स्वीकृति दी है.
सूत्रों के मुताबिक, फसल मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए रबी फसलों- गेहूं, सरसों और चना के दामों में वृद्धि की गई है. सरकार ने गेहूं एमएसपी पर 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाए हैं, जबकि सरसों और चने की फसल पर भी एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है. गेहूं के लिए पुरानी एमएसपी 2,275 रुपये अब बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है.
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सरसों की एमएसपी में 300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. इस बढ़ोतरी के बाद सरसों का एमएसपी 5,950 रुपये हो गया है. फसल मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए चना एमएसपी पर 210 रुपये बढ़ाेतरी के बाद 5650 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी हो गया है. इससे पहले चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5440 रुपये था.
इसके अलावा केंद्र ने पंजाब में किसानों से धान खरीद का लक्ष्य घोषित कर दिया है. पूरे पंजाब से 185 लाख टन धान खरीदी जाएगी. केंद्र सरकार ने कहा कि 2024-25 के खरीफ मार्केटिंग सीजन में धान खरीदी का लक्ष्य पूरा करने के लिए भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था है. धान की सरकारी खरीद 1 अक्टूबर से जारी है, जो 30 नवंबर 2024 तक चलेगी.
पंजाब में धान खरीदी के लिए 2,200 से ज्यादा मंडियों में काम चल रहा है. 13 अक्टूबर तक करीब 7 लाख टन धान की आवक हो चुकी है, जिसमें से करीब 6 लाख टन केंद्रीय पूल के तहत खरीदी गई है. केंद्र सरकार का कहना है कि किसानों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, डिजिटल खरीद संचालन और एमएसपी भुगतान के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर की व्यवस्था रखी गई है. धान की पेमेंट 48 घंटों के अंदर किसान के खाते में पहुंचाई जा रही है.
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