रबी सीजन में किसानों को खाद सस्ते रेट पर मिलेगी. इसके लिए केंद्रीय कैबिनेट ने गैर-यूरिया खाद की सब्सिडी का ऐलान कर दिया है. बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस सब्सिडी का ऐलान किया गया. सरकार ने रबी सीजन के लिए 24,475 करोड़ रुपये की सब्सिडी का निर्णय लिया है. इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की. इसके अलावा, कैबिनेट ने गेहूं की एमएसपी 150 रुपये तक बढ़ाने का ऐलान किया.
कैबिनेट ने बुधवार को 2025-26 रबी मार्केटिंग सीजन के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 6.59 प्रतिशत बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में चुनावों से पहले गेहूं के समर्थन मूल्य में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी महत्वपूर्ण है. रबी सीजन अप्रैल 2025 से शुरू होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने 2025-26 रबी सीजन के लिए छह अनिवार्य रबी फसलों के MSP में 130-300 रुपये प्रति क्विंटल की सीमा में वृद्धि को मंजूरी दी.
कैबिनेट बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को बताया, "कैबिनेट द्वारा लिया गया प्रमुख निर्णय किसानों के कल्याण से जुड़ा है. खरीफ की तरह रबी फसलों के लिए एमएसपी में बड़ी वृद्धि की गई है." उन्होंने कहा कि गेहूं का समर्थन मूल्य पिछले वर्ष के 2,275 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2025-26 के लिए 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. तिलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए, कैबिनेट ने 2025-26 रबी सीजन के लिए रेपसीड/सरसों के समर्थन मूल्य को 300 रुपये बढ़ाकर 5,950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया.
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कुसुम का समर्थन मूल्य पिछले वर्ष के 5,800 रुपये प्रति क्विंटल से 140 रुपये बढ़ाकर 5,940 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया. दालों के मामले में, मसूर का समर्थन मूल्य 275 रुपये बढ़ाकर 6,700 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया, जबकि 2025-26 के रबी सीजन के लिए चने का एमएसपी 210 रुपये बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया. 2025-26 के रबी सीजन के लिए जौ का समर्थन मूल्य 130 रुपये बढ़ाकर 1,980 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया, जो पिछले वर्ष 1,850 रुपये प्रति क्विंटल था.
रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के हिसाब से है, जिसमें एमएसपी को उत्पादन की औसत लागत से कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की घोषणा की गई थी. उत्पादन की औसत लागत पर मार्जिन गेहूं के लिए 105 प्रतिशत है, इसके बाद रेपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशत, मसूर के लिए 89 प्रतिशत, चने के लिए 60 प्रतिशत, जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 50 प्रतिशत है. मंत्री ने कहा कि रबी फसलों के एमएसपी में की गई वृद्धि से किसानों को लाभकारी मूल्य मिलेगा और फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा.
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