एक जिला एक उत्पाद (ODOP) और दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ने शुक्रवार को दिल्ली में 'ओडीओपी वॉल' लॉन्च किया. 'ओडीओपी वॉल' की शुरुआत करते हुए चरणजीत सिंह, अतिरिक्त सचिव, ग्रामीण आजीविका, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि इस तरह का प्रयोग दुनिया के सामने भारतीय शिल्प की विशेषता को दिखाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करने की दिशा में एक और कदम है.
एक जिला एक उत्पाद (ODOP) कार्यक्रम, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के तहत एक पहल है जिसका उद्देश्य देश और इसके लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढ़ाना है. देश के सभी जिलों में संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर बनाना भी इसका मकसद है. इस योजना में देश के हर जिले से एक अनोखे उत्पाद का चयन, ब्रांडिंग और प्रचार किया जाता है. इसमें देश भर के उत्पादों की अलग-अलग सीरीज को शामिल किया जाता है जिसमें हथकरघा और हस्तशिल्प सबसे प्रमुख हैं.
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ओडीओपी वॉल की लॉन्चिंग में स्मृति शरण, संयुक्त सचिव, ग्रामीण आजीविका, स्वाति शर्मा, संयुक्त सचिव, ग्रामीण आजीविका, राघवेंद्र प्रताप सिंह, निदेशक, ग्रामीण आजीविका, निवेदिता प्रसाद, उप सचिव, ग्रामीण आजीविका, रमन वाधवा, उप निदेशक, ग्रामीण आजीविका, ग्रामीण विकास मंत्रालय के अलावा सुप्रिया देवस्थली, निदेशक, डीपीआईआईटी, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के साथ मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.
ODOP और दीनदयाल अंत्योदय योजना-नेशनल रूरल लाइवलीहुड्स मिशन के सहयोग से देश के सभी जिलों से उत्पादों की पहचान की जा रही है. इन उत्पादों को उनकी विशेष क्वालिटी के आधार पर प्रमोट करने की तैयारी की जा रही है. इन उत्पादों के सांस्कृतिक महत्व को भी देश के सामने रखा जाएगा. इसमें विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प, हथकरघा और कृषि उत्पाद शामिल हैं जो उनके मूल स्थान की पहचान से जुड़े हुए हैं. इस सहयोग का उद्देश्य उपभोक्ताओं को एंपोरिया की ओर ले जाना, बिक्री बढ़ाना और ग्रामीण एसएचजी महिलाओं के स्वदेशी शिल्प और कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए एसएआरएएस उत्पादों की पहुंच को और भी बढ़ाना है.
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