नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन यानी NCCF ने किसानों को मूल्य समर्थन योजना (PSS) के बारे में सटीक जानकारी दी है. एनसीसीएफ ने बताया है कि किसान इस योजना का कैसे लाभ ले सकते हैं. एनसीसीएफ के मुताबिक, किसानों को उनका हक दिलाने का भरोसेमंद जरिया पीएएस योजना है. इस योजना की मदद से किसान अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेच कर सही मूल्य पा सकते हैं. पीएसएस किसानों को फसल के सही मूल्य का भरोसा दिलाता है.
मूल्य समर्थन योजना यानी PSS स्कीम सरकार की ऐसी योजना है जिसमें किसानों से उनकी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी जाती है. इसमें किसानों को किसी तरह का नुकसान नहीं होता और उन्हें उचित दाम की गारंटी मिलती है. पीएसएस योजना की मदद से NCCF किसानों के हित में सीधी खरीद करती है.
किसानों को उनका हक दिलाने का भरोसेमंद जरिया — PSS योजना!
— NCCF of India Limited (@Nccf_India) June 9, 2025
अब फसल बेचिए MSP पर और पाइए सही मूल्य का भरोसा।#PSSYojana #MSPGaurantee #NCCFForFarmers #nccf pic.twitter.com/s9kyIQdLwz
पीएसएस को तब लागू किया जाता है जब अधिसूचित दलहन और तिलहन और खोपरा के बाजार मूल्य कटाई अवधि के दौरान अधिसूचित एमएसपी से नीचे चले जाते हैं, ताकि किसानों को लाभकारी मूल्य दिया जा सके.
सरकार ने ग्रीष्मकालीन फसल सीजन 2025-26 के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात राज्यों में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत कुल 54,166 मीट्रिक टन मूंग की खरीद को मंजूरी दी है. इसी तरह, सरकार ने ग्रीष्मकालीन फसल सीजन 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 50,750 मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद को मंजूरी दी है.
इसके अलावा, केंद्रीय बजट 2025 में सरकार ने इस पहल को अतिरिक्त चार वर्षों, 2028-29 तक जारी रखने की घोषणा की, जिसमें इन दालों की खरीद राज्य के उत्पादन के 100 परसेंट तक केंद्रीय नोडल एजेंसियों, यानी NAFED और NCCF के माध्यम से की जाएगी, जिसका उद्देश्य दाल उत्पादन में राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता हासिल करना है.
भारत सरकार एकीकृत योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) को लागू कर रही है, जिसमें मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य कमी भुगतान योजना (पीडीपीएस), बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) शामिल हैं. इस पहल का उद्देश्य किसानों की कृषि उपज के लिए सुनिश्चित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना है, जिससे उनकी आय की रक्षा हो और बाजार में उतार-चढ़ाव के खिलाफ उनकी आजीविका सुरक्षित रहे.
सरकार लगातार बताती रही है कि किसानों को फसलों के उचित मूल्य को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि किसानों के लिए ही पीएसएस जैसी योजना चलाई गई है. जैसे बाजार में किसी उपज की कीमत तेजी से गिरती है और किसानों को नुकसान की स्थिति का सामना करना पड़ता है, वैसे ही सरकार इस योजना के तहत किसानों को सही मूल्य देकर उन्हें नुकसान से बचाती है.
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