हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. दरअसल, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कृषि विभाग के अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए. कृषि विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सुखू ने कहा कि विभाग, जेआईसीए और एटीएमए के सभी अधिकारियों को किसानों तक पहुंचना चाहिए. साथ ही किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करनी चाहिए. इसके प्रमाणीकरण की सुविधा प्रदान करनी चाहिए.
उन्होंने प्राकृतिक खेती पहल के तहत किसानों का पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए पंचायतवार शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रत्येक स्तर पर इस संबंध में जवाबदेही तय की जाएगी. उन्होंने एपीएमसी अध्यक्षों को इस दिशा में किसानों को सक्रिय रूप से प्रेरित करने और उनकी सहायता करने के निर्देश दिए है. उन्होंने सभी एपीएमसी को प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं, मक्का और कच्ची हल्दी की खरीद के लिए उच्च स्तरीय साइलो स्थापित करने के लिए भी कहा है.
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उन्होंने कहा, "प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं की खरीद पहले ही शुरू हो चुकी है. राज्य सरकार किसानों को उनकी उपज के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम का एमएसपी दे रही है." सुक्खू ने कृषि विभाग को प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को उच्च क्वालिटी वाले बीज उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा, "प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारी फार्मों को मजबूत करने के प्रयास में, कृषि विभाग ने तीन मॉडल फार्म विकसित किए हैं, जिसमें कांगड़ा जिले में भट्टू फार्म, सिरमौर जिले में भगानी और सोलन जिले में बैरटी-बोच शामिल हैं.
CM सुक्खू ने कहा कि आने वाले समय में ऐसे मॉडल फार्म स्थापित किए जाएंगे. बैठक के दौरान, उन्होंने राज्य में संरक्षण कृषि (सीए) स्टोर की चल रही परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये सीए स्टोर किसानों और बागवानों को उनकी मेहनत का लाभकारी मूल्य दिलाने में महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार मंडी जिले के सुंदरनगर, शिमला जिले के अन्नू (जुब्बल), चौपाल, सुंदासु, खड़ापत्थर, दत्तनगर और ढली, कांगड़ा जिले के कंदरौरी और सुलह, सोलन जिले के जाबली और किन्नौर जिले के भावानगर में चरणबद्ध तरीके से सीए स्टोर स्थापित कर रही है.
राज्य सरकार ने इस उद्देश्य के लिए 330 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. सुक्खू ने राज्य के सभी 12 जिलों में 1,010 करोड़ रुपये के जेआईसीए परियोजना की भी समीक्षा की और हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड की विभिन्न चल रही परियोजनाओं का भी जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
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