UP में खुले में पड़ी यूरिया की हजारों बोरियां बारिश में भीगी, वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप

UP में खुले में पड़ी यूरिया की हजारों बोरियां बारिश में भीगी, वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप

खरीफ सीजन के दौरान यूपी के लखीमपुर खीरी में यूरिया की हजारों बोरियां बारिश में भीग गईं. खुले में रखे यूरिया का वीडियो वायरल होते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. अफसरों ने कहा, बोरियां समितियों पर सूखाई जाएंगी.

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UP में खुले में पड़ी यूरिया की हजारों बोरियां बारिश में भीगी, वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंपबारिश में भीगी यूरिया की हजारों बोरि‍यां

देश में खरीफ सीजन की बुवाई तेज होते ही कई राज्‍यों में खाद की किल्‍लत देखने को मिल रही है. इस बीच उत्‍तर प्रदेश से परेशान करने वाली खबर सामने आई है. दरअसल, लखीमपुर खीरी जिले में गोला गोकर्णनाथ थाना क्षेत्र में रेलवे माल गोदाम पर खुले आसमान के नीचे रखी हजारों बोरी यूरिया खाद भारी बारिश होने के चलते भीग गई, जिसका वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बताया जाता है कि गोला में रेलवे माल गोदाम पर यूरिया खाद से भरी एक मालगाड़ी उतारी जा रही थी.

अफसरों में मचा हड़कंप

इस दौरान जमकर बारिश होने लगी और खुले आसमान के नीचे रखी हजारों यूरिया की बोरी भीग गई, जिनका लोगों ने वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. यूरिया खाद के भीगने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया.

इस मामले पर जब आज तक ने जिम्‍मेदार अध‍िकारी से बात करने की कोशिश की तो उन्‍होंने कहा कि वह कैमरे पर बात करने से मना कर दिया. हालांकि, उन्‍होंने कहा कि कुछ बोरियां जरूर भीग गई थी, जिन्हें समितियां पर सूखाने के लिए कह दिया गया है और उन्हें समितियां पर भेज दिया गया है.

खरीफ सीजन में खाद की मांग बढ़ी

खरीफ 2025 सीजन की शुरुआत के साथ देश में उर्वरकों की मांग बढ़ गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस सीजन में देश में कुल 362.60 लाख मीट्रिक टन खाद की जरूरत है, जिसमें से अब तक 213.38 लाख मीट्रिक टन खाद उपलब्ध हो पाई है. ये आंकड़े 30 जून 2025 तक के हैं.  यूरिया की मांग सबसे अधिक 185.40 लाख मीट्रिक टन है, लेकिन वर्तमान में इसकी उपलब्धता सिर्फ 93.90 लाख टन है. अब तक 32.68 लाख टन की बिक्री हो चुकी है और 61.22 लाख टन का स्टॉक शेष है.

वहीं, DAP की स्थिति थोड़ी चिंताजनक है, जिसकी मांग 56.99 लाख टन है, लेकिन सिर्फ 20.87 लाख टन ही उपलब्ध हो पाया है. जून में 7.89 लाख टन की बिक्री हुई और 12.98 लाख टन का क्‍लोज‍िंग स्टॉक बचा. MOP (म्यूरेट ऑफ पोटाश) की कुल जरूरत 11.13 लाख मीट्रिक टन है और उपलब्धता 9.70 लाख मीट्रिक टन है. इसमें से 4.47 लाख मीट्रिक टन की बिक्री के बाद 5.23 लाख मीट्रिक टन स्टॉक रह गया है.

वहीं, NPK खादों की कुल मांग 76.51 लाख मीट्रिक टन है और 58.73 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध है, जिसमें 17.53 लाख मीट्रिक टन की बिक्री हुई है और 41.20 लाख टन स्टॉक बचा है. इसके अलावा एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) खाद की मांग 32.57 लाख मीट्रिक टन रही, और 30.17 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध है. 6.77 लाख मीट्रिक टन की बिक्री के बाद 23.41 लाख टन स्टॉक बचा है.  (अभिषेक वर्मा के इनपुट के साथ)

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