किसानों के लिए बहुत काम का है मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल (Photo-Kisan Tak). हरियाणा सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा को लेकर बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसानों की जमीन का शत प्रतिशत रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा, यह साल में दो बार होगा. जो किसान अपनी पूरी जमीन का रजिस्ट्रेशन 31 जुलाई तक करवा लेगा उसे सरकार 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि देगी. यह पोर्टल किसानों के लिए बहुत काम का है. सीएम ने चंडीगढ़ में भारतीय किसान संघ हरियाणा के पदाधिकारियों व विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस बात की जानकारी दी. इस दौरान पदाधिकारियों ने कई सुझाव दिए जिन पर बिंदुवार चर्चा हुई और ज्यादातर पर सहमति बनी.
मेरी फसल मेरा ब्यौरा एक ऐसा पोर्टल है जिसमें किसानों को खुद का, फसल का और खेत का ब्यौरा देना होता है. यह पोर्टल जमीन के रिकॉर्ड के साथ इंटीग्रेटेड है. इस पर रजिस्टर्ड होने के बाद खाद,बीज और कृषि उपकरणों की सब्सिडी डायरेक्ट बैंक अकाउंट में आ जाती है. रजिस्ट्रेशन से किसानों को एमएसपी पर फसल बेचना आसान हो जाता है. किसानों के लिए एक ही जगह पर सारी सरकारी सुविधाओं की उपलब्धता हो जाती है. फोन पर कृषि संबंधित जानकारियां समय पर उपलब्ध होती रहती हैं. खाद, बीज और कृषि लोन लेना आसान हो जाता है. कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर मिल जाती है. यही नहीं प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आसानी से मुआवजा मिल जाता है.
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सीएम ने कहा कि जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हैफेड एक योजना तैयार करेगा. राज्य में बड़े पैमाने पर केमिकल फ्री खेती को बढ़ाना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में जल्द ही एडीओ की भर्ती की जाएगी, जिन्हे क्षेत्रफल के आधार पर यूनिट बनाकर ग्राम सचिवालयों में नियुक्त किया जाएगा.
पशुधन बीमा में दुधारू पशुओं के थनों के बीमा के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि फसलों की बुआई से पहले खाद की उचित व्यवस्था की जाएगी. प्रदेश के जिस क्षेत्र में पहले जरूरत होगी वहां पर पहले खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बांस की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में योजना तैयार की जाएगी. इसके अतिरिक्त, ड्रेनों की सफाई करवाने, सेम ग्रस्त क्षेत्रों की समस्या का समाधान करने आदि विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. बैठक में कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव के मकरंद पांडुरंग और हैफेड के प्रबंध निदेशक जे गणेशन मौजूद रहे.
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