बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण हरियाणा में बड़े पैमाने पर फसलें खराब हुई हैं. जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) में शामिल नहीं हैं वो अधिक परेशान हैं. इसलिए अब राज्य सरकार ने इसे लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत उन किसानों को सरकार अपने फंड से मुआवजा देगी जो फसल बीमा योजना में कवर नहीं हैं. गिरदावरी का काम 15 दिन में पूरा कर लिया जाएगा. पारदर्शी तरीके से सभी किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. हरियाणा के सीएम मनोहरलाल ने इस बात की जानकारी दी है.
एक निजी कार्यक्रम में मनोहर लाल ने कहा कि किसानों की खराब हुई फसलों का आकलन कर मई माह तक संबंधित लोगों के बैंक खातों में मुआवजे की रकम भेज दी जाएगी. यानी किसानों को एक महीने में राहत मिल जाएगी. सीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार ने 1300 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को दिया है. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से खराब हुई फसलों का आकलन कर हरियाणा सरकार मई तक किसानों के खातों में मुआवजा भेजेगी.
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किसानों को ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपने फसल नुकसान का ब्यौरा भरना अनिवार्य है. इसके अलावा, जो किसान स्वयं क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान का आकलन नहीं भर सकते वे कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर भरवा सकते हैं. कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान का ब्यौरा भरवाने का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि फसल का बीमा करवाने वाले किसानों को कंपनी द्वारा भुगतान किया जाता है और बीमा न करने वाले किसानों को सरकार द्वारा 15000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा प्रदान किया जाएगा. यानी जो लोग फसल बीमा में शामिल नहीं हैं उन्हें सरकार अपनी ओर से मुआवजा देगी.
सीएम ने कहा कि सरकार द्वारा 'मेरा पानी मेरी विरासत योजना' चलाई जा रही है. इसके तहत धान की फसल के स्थान पर अन्य फसलें उगाने पर किसानों को प्रति एकड़ 7000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है. अब तक 1.75 लाख एकड़ भूमि में किसानों ने इस योजना के तहत धान के स्थान पर अन्य फसल उगाई है. इसके अलावा, 3000 रिचार्ज वेल लगाने तथा माइक्रो इरिगेशन से फसलें उगाने के लिए भी किसानों को प्रेरित करने एवं लाभ देने का कार्य किया जा रहा है.
मनोहरलाल ने कहा कि बरसात का पानी तालाबों एवं बांध बनाकर भूमि रिचार्ज करने का कार्य किया जा रहा है. इसके अलावा पानी को रिसाइकल और रीयूज करने के लिए 200 एसटीपी लगाए गए हैं, जिनसे 750 क्यूसेक पानी को दोबारा से उपयोग में लाया गया है. इस मिशन को सरकार की ओर से भरपूर सहयोग दिया जाएगा और आगे बढ़ा जाएगा.
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