हरियाणा के करनाल जिले में पराली प्रोत्साहन योजना 2024-25 की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत पराली प्रबंधन यानी पराली नहीं जलाने पर किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये मिलेंगे. ऐसे में इस योजना का ये उद्देश्य है कि किसान अपने खेतों में पराली जलाने के बजाए उसका प्रबंधन करें, ताकि वातावरण के साथ ही खेतों की मिट्टी को कम उपजाऊ होने से बचाएं. वहीं, कृषि उप निदेशक डॉक्टर वजीर सिंह ने जानकारी दी है कि पराली प्रबंधन करने के लिए इस बार 1690 किसानों ने कृषि यंत्रों के लिए किया अप्लाई किया है. साथ ही पराली प्रबंधन को लेकर किसानों का रुझान भी तेजी से बढ़ा है. ऐसे में आइए जानते हैं किसान इस योजना के लिए कब तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
करनाल कृषि उप निदेशक डॉक्टर वजीर सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना 2024-25 के तहत पराली के प्रबंधन योजना के तहत एक हजार रुपये प्रति एकड़ का प्रोत्साहन दिया जाएगा. योजना का लाभ पाने के लिए इच्छुक किसान 30 नवंबर 2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
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उन्होंने आगे बताया कि इस योजना का उद्देश्य किसानों को पराली जलाने से रोकना और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है. इससे न केवल पर्यावरण को सुरक्षित किया जाएगा, बल्कि किसानों को फसल अवशेषों यानी पराली का सही तरीके से प्रबंधन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इस योजना के माध्यम से पराली के जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को भी कम करने में मदद मिलेगी.
डॉक्टर वजीर ने बताया कि हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना 2024-25 के तहत आवेदन के लिए किसान को "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. योजना का लाभ लेने के लिए किसान को विभागीय पोर्टल के लिंक पर 30 नवंबर तक आवेदन करना होगा. वजीर सिंह ने बताया पराली प्रबंधन को लेकर इन-सीटू और एक्स-सीटू स्टॉप मैनेजमेंट के तहत स्कीम चलाई गई है.
अगर इन दोनों तरीको से किसान अपनी पराली का प्रबंधन करते हैं तो सरकार की तरफ से 1000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. वहीं, इस योजना के तहत कोई भी किसान कृषि मशीन लेना चाहते हैं तो उन्हें 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी. मुख्य रूप से चार प्रकार के कृषि यंत्र है जिसमे सुपर सीडर, बेलर और कटर है जो इस वर्ष 50 प्रतिशत तक सब्सिडी पर दिया जा रहा है.
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