पंजाब में रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी से पराली की आग का जुटाया गया डेटा और खेतों में आग के फिजिकल वेरिफिकेन के आंकड़ों में बड़ा अंतर पाया गया है. इसमें देखा गया है कि रिमोट सेंसिंग में आग की जितनी घटनाएं सामने आईं, उसकी तुलना में फिजिकल वेरिफिकेशन के आंकड़े बहुत कम रहे. यह अंतर 45 परसेंट तक दर्ज किया गया है. इस अंतर से कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट यानी कि CAQM की चिंताएं बढ़ गई हैं. सीएक्यूएम की टीम इसकी छानबीन कर रही है कि रिमोट सेंसिंग और फिजिकल वेरिफिकेशन के आंकड़ों में इतना बड़ा फर्क क्यों है.
पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर की ओर से 10 नवंबर तक पंजाब में पराली जलाने की कुल घटनाओं की संख्या 6,611 बताई गई है, लेकिन 2,983 स्थानों पर फिजिकल वेरिफिकेशन में पराली जलाए जाने की कोई घटना नहीं देखी गई. इसका मतलब है कि सैटेलाइट इमेजरी के माध्यम से रिपोर्ट किए गए 45 प्रतिशत मामलों में पराली जलाए जाने की कोई घटना नहीं देखी गई.
बुधवार को सीएक्यूएम की समीक्षा बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. सीएक्यूएम के धान पराली प्रबंधन विभाग के प्रमुख गुरनाम सिंह ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का, लुधियाना, मानसा, मोगा, मुक्तसर, पटियाला, संगरूर और तरनतारन जिलों के डिप्टी कमिश्नरों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे, जहां पर सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं.
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सीएक्यूएम की टीम पंजाब के 16 जिलों और हरियाणा के 10 जिलों में खेतों में आग लगने की घटनाओं पर नजर रख रही है. इन जिलों के अलावा, टीमें डिप्टी कमिश्नरों, कृषि विभाग के अधिकारियों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मदद से जालंधर, फतेहगढ़ साहिब और कपूरथला में भी घटनाओं पर नजर रख रही हैं. ये टीमें इन जिलों में इन-सीटू और एक्स-सीटू पराली मैनेजमेंट में किए गए काम की भी जांच कर रही हैं.
इसे लेकर पंजाब के सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि वे हर उस घटना की व्यक्तिगत रूप से जांच करें, जहां पर कोई फसल जलती हुई नहीं पाई गई. इन स्थानों को “कोई फसल जलती हुई नहीं पाई गई” (नो क्रॉप बर्निंग फाउंड) स्थान तभी माना जाएगा, जब डीसी की रिपोर्ट के साथ तस्वीरें और साइट के जीपीएस रिकॉर्ड होंगे. यानी अब किसी स्थान पर पराली जलाने की घटना तभी मानी जाएगी जब सैलेटलाइट इमेज और फिजिकल वेरिफिकेशन के आंकड़े मैच करेंगे और दोनों रिकॉर्ड एक साथ जमा किए जाएंगे.
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