केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से चलने वाली प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को लेकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कलयाण मंत्रालय ने बड़ा अपडेट दिया है. कृषि विभाग आगामी 1 फरवरी से PMFBY के तहत बीमा करवाने वाले किसानों को ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ अभियान चलाकर बीमा पॉलिसी बांटने जा रहा है. केंद्र की ओर से चालू रबी सीजन में कई फसलों पर सुरक्षा कवर देने के लिए PMFBY के तहत बीमा करने के लिए कहा गया था, इसकी आखिरी तारीख 15 जनवरी 2025 थी. अब फसल बीमा के आवेदन बंद हो गए है.
किसान पॉलिसी में किसी प्रकार की गड़बड़ी या शिकायत होने पर पीएम फसल बीमा योजना के पोर्टल https://pmfby.gov.in या 14447 पर कॉल करके जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा किसान PMFBY के वॉट्सऐप चैटबॉट नंबर 7065514447 पर मैसेज भेजकर भी अपने सवालों के जवाब हासिल कर सकते हैं. साथ ही यहां से अपनी बीमा पॉलिसी भी आसान तरीके से डाउनलोड कर सकते हैं.
पीएम फसल बीमा योजना बड़ी संख्या में देश के किसानों को प्राकृतिक आपदा समेत कई अन्य कारणों से फसल खराब होने पर मुआवजा की सुविधा देती है, लेकिन बहुत से किसान योजना का लाभ नहीं उठाते हैं. बाद में फसल खराब होने पर उन्हें नुकसान झेलना पड़ता है. पीएम फसल बीमा योजना के लिए किसानों को प्रीमियम के रूप में प्रति हेक्टेयर मामूली रकम चुकानी पड़ती है, इसका शेष हिस्सा केंद्र और राज्य सरकार चुकाती है.
कैबिनेट ने 1 जनवरी को हुई बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी गई है. इसका कुल बजट 69,515.71 करोड़ रुपये है. बीमा योजना में तकनीकी सुधार के लिए 824.77 करोड़ रुपये की घोषणा के साथ नवाचार और प्रौद्योगिकी कोष (FIAT) की स्थापना को मंजूरी दी गई है.
उस समय केंद्री कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि PMFBY विश्व की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है, जबिक प्रीमियम के लिहाज से यह तीसरी सबसे बड़ी योजना है. यह योजना प्राकृतिक आपदाओं समेत विभिन्न पड़ावों में फसल सुरक्षा का कवरेज प्रदान करती है. इसमें बीज की बुवाई से लेकर फसल कटाई के कुछ समय बाद तक भी कवरेज मिलता है. वहीं, अगर बीमा कंपनी समय पर मुआवजा नहीं देती है तो इसके लिए कंपनी से ब्याज सहित किसानों को मुआवजा देने का प्रावधान शामिल किया गया है.
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