केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीणों और किसानों को पीएम आवास योजना के सर्वे कराने में तेजी दिखाने और शामिल होने का अनुरोध किया था, ताकि लाभार्थियों को राशि उनके खातों में समय पर पहुंच जाए. इसके एक दिन बाद ही छत्तीसगढ़ में पीएम आवास योजना में बड़ी धांधली का खुलासा हुआ है. योजना के तहत 3 गावों के लाभार्थियों की धनराशि का गबन करने वाले 6 सरकारी कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है. जबकि 2 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है.
छत्तीसगढ़ सरकार के जनसंपर्क कार्यालय के अनुसार प्रधानमंत्री आवास निर्माण राशि में गड़बड़ी की शिकायतों की जांच में गड़बड़ी सामने आने पर 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, जबकि दो रोजगार सहायकों को बर्खास्त किया गया है. इन लोगों पर कोरबा जिले में अधूरे पीएम आवासों को पूरा बताकर राशि का गबन करने का आरोप लगा है. आरोपियों में तीन ठेकेदार, दो पूर्व रोजगार सहायक और एक पूर्व आवास मित्र शामिल हैं.
जिला प्रशासन कोरबा को यह शिकायत प्राप्त हुई थी कि जनपद पंचायत कोरबा अंतर्गत ग्राम पंचायत श्यांग, सिमकेदा और सोल्वा में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 72 लाभार्थियों के आवास आधे अधूरे हैं. आवास बने ही नहीं और 86 लाख रुपए निकाल लिए गए. शिकायत के संबंध में जिला स्तरीय जांच समिति गठित कर जांच कराई गई थी. जांच रिपोर्ट के अनुसार तीनों गांवों में स्वीकृत 72 आवासों के लिए ठेकेदार राजाराम, मेघनाथ विश्वकर्मा, लखनलाल बैगा और तत्कालीन रोजगार सहायक प्रकाश चौहान,किरण महंत, तत्कालीन आवास मित्र चंद्रशेखर मंझवार के द्वारा आवास की राशि निकाल ली गई है, जिसके कारण आवास निर्माण का कार्य अधूरा है.
तत्कालीन विकासखंड समन्वयकों ने बिना भौतिक सत्यापन के पीएम आवास पूर्ण होने का जिओ टैगिंग कर भुगतान करा दिया. सीईओ जिला पंचायत ने बताया कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही की जा रही है. जनपद पंचायत सीईओ देवानंद श्रीवास के पत्र के अनुसार विकासखंड समन्वयक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण जनपद पंचायत कोरबा के द्वारा 6 लोगों पर पुलिस थाना श्यांग कोरबा में शासकीय राशि के गबन की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
कोरबा जिले के कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देश पर हुई इस कार्यवाही के चलते पूर्व रोजगार सहायक प्रकाश चौहान और किरण महंत को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. ठेकदार मेघनाथ विश्वकर्मा, राजाराम चौहान ग्राम सिमकेंदा, लखनलाल बैगा ग्राम श्यांग, रोजगार सहायक ग्राम श्यांग प्रकाश चौहान और ग्राम सोल्वा के किरण महंत, पूर्व आवास मित्र चंद्रशेखर मंझवार, ग्राम करूमौहा के विरुद्ध पुलिस थाना श्यांग कोरबा में एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसके अलावा तत्कालीन विकासखंड समन्वयक लम्बोदर कौशिक, कलेश्वर चौहान तथा तकनीकी सहायक नरेंद्र साहू ने भी बिना भौतिक सत्यापन के आवास पूर्ण होने का जिओ टैग कर पूरा भुगतान करा दिया. जिला प्रशासन ने इसे कर्तव्य निर्वहन में घोर लापरवाही और वित्तीय अनियमितता का मामला मानते हुए कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं.
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