रासायनिक खेती के कारण मिट्टी की उर्वरक क्षमता लगातार कम होती जा रही है. ऐसे में सरकार रासायनिक खेती को रोकने और मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार कई प्रयास कर रही है. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं भी चला रही है ताकि किसान इस दिशा में काम कर सकें. ऐसे में राज्य सरकारें भी पूरी कोशिश कर रही हैं. आपको बता दें कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठी योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत गायपालकों को हर महीने एक निश्चित राशि दी जाएगी. आइए जानते हैं क्या है ये स्कीम.
मध्य प्रदेश सरकार ने गायों को पालने और जैविक खेती करने वालों को हर महीने 900 रुपये देने का फैसला किया है. इस योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार ने 22000 किसानों को पहली किश्त भी जारी कर दी है. इतना ही नहीं गाय पालकों को किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो इसके लिए सरकार ने राज्य में पशु चिकित्सा एंबुलेंस सेवा भी शुरू की है.
मध्य प्रदेश में रहने वाले किसानों को उनके पशुओं के लिए एम्बुलेंस की भी सुविधा दी गई है. ऐसे में अगर आप अपनी गाय के बीमार होने पर एंबुलेंस बुलाना चाहते हैं तो आपको सिर्फ 1962 नंबर पर डायल करना होगा. यह नंबर पूरी तरह से टोल फ्री है और इसे डायल करने पर आपके फोन से एक भी रुपया नहीं कटेगा. कॉल करने के कुछ ही देर बाद एम्बुलेंस की सुविधा आपको मिल जाएगी.
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अगर आप भी इस योजना के तहत हर महीने 900 रुपये प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको मध्य प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इस योजना के तहत अपना पंजीकरण कराना होगा. इसके साथ ही राज्य सरकार गाय का गोबर भी खरीदने की योजना बना रही है. शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि वे प्रदेश भर में कई गोवर्धन संयंत्र लगाकर गाय के गोबर से सीएनजी बनाएंगे. इस योजना के लागू होते ही किसानों को इसका सीधा फायदा मिलेगा. गाय के दूध से लेकर गाय के गोबर तक को बेचकर किसान मुनाफा कमा सकते हैं.
इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती की ओर बढ़ावा देना है. गाय पालन के माध्यम से उन्हें जैविक खाद की ओर बढ़ाना है. गाय पालन कर रहे किसानों को यह सलाह दी गई है कि वह अपने खेतों में रासायनिक खादों का इस्तेमाल ना करते हुए जैविक खादों का इस्तेमाल करें. इससे ना सिर्फ मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है बल्कि लोगों की सेहत पर भी सकारात्मक असर दिखाई देता है.
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