समय पर फसल बीमा क्लेम नहीं देने पर किसानों को मिलेगा 12 परसेंट ब्याज: शिवराज सिंह

समय पर फसल बीमा क्लेम नहीं देने पर किसानों को मिलेगा 12 परसेंट ब्याज: शिवराज सिंह

लोक सभा में प्रश्नकाल में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी देश में समग्र कृषि विकास की जानकारी. शिवराज सिंह ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार को कृषि एवं किसानों की अनदेखी करने के लिए आड़े हाथों लिया. कृषि मंत्री ने कहा, समय पर फसल बीमा क्लेम नहीं देने पर किसानों को मिलेगा 12% ब्याज. कृषि बजट यूपीए सरकार में केवल 27 हज़ार करोड़ रु. था, अब एनडीए सरकार में 1.27 लाख करोड़ रु. है.

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समय पर फसल बीमा क्लेम नहीं देने पर किसानों को मिलेगा 12 परसेंट ब्याज: शिवराज सिंहकृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान, देश में समग्र कृषि विकास की तथ्यों और आंकड़ों सहित जानकारी विस्तार से दी और बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की आय बढ़ाने का अभियान निरंतर जारी है. साथ ही, शिवराज सिंह ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार को कृषि और किसानों की अनदेखी करने के लिए आड़े हाथों लिया.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हमने छह उपाय किए हैं. पहला– सरकार ने उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है. दूसरा– आय बढ़ाने के लिए लागत घटे. तीसरा– उत्पादन के ठीक दाम मिले. चौथा– नुक़सान हो जाए तो उसकी भरपाई करें. पांचवां– कृषि का विविधीकरण, केवल एक फसल की खेती नहीं, बल्कि फलों, फूलों, सब्ज़ियों, औषधियों की खेती, कृषि वानिकी, मछली पालन, पशुपालन, अलग-अलग अनेकों प्रयत्न किए गए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में फसलों का उत्पादन 246.42 मिलियन टन से बढ़कर अब 353.96 मिलियन टन हो गया है. दलहन उत्पादन 16.38 मिलियन टन से बढ़कर 25.24 मिलियन टन हो गया. वहीं तिलहन उत्पादन, 27.51 मिलियन टन से बढ़कर 42.61 मिलियन टन हो गया है. बागवानी उत्पादन 280.70 मिलियन टन से बढ़कर 367.72 मिलियन टन हो गया है. उन्होंने कहा कि किसान ही दूध का उत्पादन करता है, वह भी काफी बढ़ गया है. 

10 करोड़ किसानों को मिल रहा PM Kisan का लाभ

चौहान ने कहा कि जहां तक किसानों की आय का सवाल है, मैं दावे के साथ कहता हूं कि कई किसानों की आय दोगुनी से भी ज़्यादा हो गई है. जब यूपीए सरकार थी, तब केवल 27 हज़ार करोड़ रु. कृषि बजट था, जो अब 1 लाख 27 हज़ार करोड़ रुपये है. ये एनडीए की सरकार है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पहले थी ही नहीं, 10 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि से लाभान्वित किया जा रहा है. गर्व है कि "मोदी है तो मुमकिन है".

शिवराज सिंह ने कहा कि लगभग 2 लाख करोड़ रुपये उर्वरकों पर सब्सिडी मोदी सरकार दे रही है. जब यूपीए की सरकार थी, तब केसीसी और बाकी संस्थागत लोन जो मिलता था, वो सिर्फ 7 लाख करोड़ रु. था, अब 25 लाख करोड़ रु. लोन मिल रहा है. फसल बीमा योजना में एनडीए सरकार ने 35 हज़ार करोड़ रु. प्रीमियम के मुक़ाबले 1 लाख 83 हज़ार करोड़ रु. क्लेम किसानों के खाते में डालने का काम किया है. एनडीए सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए मैकेनाइजेशन पर सब्सिडी दे रही है. "पर ड्रॉप-मोर क्रॉप" पर किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर दिए जा रहे हैं. पॉलीहाउस, ग्रीनहाउस टेक्नॉलाजी, फल-सब्ज़ियों के उत्पादन से लेकर बाकी सभी चीज़ों में उत्पादन बढ़ाने के प्रयास और ठीक ढंग से ख़रीदने के प्रयास किए जा रहे हैं. 

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की आय बढ़े, इसलिए इस सरकार ने फैसला किया कि लागत में कम से कम 50 परसेंट मुनाफ़ा जोड़कर किसानों को एमएसपी दी जाएगी और व्यापक पैमाने पर एमएसपी पर फसलों की ख़रीद हो रही है. यूपीए सरकार ने तो 50 परसेंट उत्पादन लागत पर जोड़ने से कैबिनेट बैठक में इनकार कर दिया था कि ये बाज़ार को विकृत कर देगा, ये संभव नहीं है. अब एमएसपी पर रिकॉर्ड ख़रीदी हो रही है, नुक़सान की भरपाई की जा रही है. यूरिया, डीएपी, बाकी उर्वरक, सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, जिससे किसानों की आय निरंतर बढ़ रही है. कई योजनाएं उन किसानों के लिए चलाई जाती हैं, जिनके पास लैंड होल्डिंग होती है. 

किरायेदार किसानों को ऐसे मिलेगा बीमा का लाभ

शिवराज सिंह ने कहा, जो टेनेंट फॉर्मर्स हैं, उनके लिए अलग-अलग योजना है. केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अगर जिसके पास स्वामित्व है वो किसान, टेनेंट फॉर्मर को अधिकृत कर देते हैं तो फसल बीमा योजना का लाभ उनको मिलता है. एमएसपी की खरीद के लिए भी लैंड होल्डिंग वाला किसान अधिकृत करे राज्य की अनुमति से तो उससे एमएसपी की खरीद की जाती है, टेनेंट किसान एफपीओ मेंबर बन सकता है. पिछले दिनों जो हमारे टेनेंट फॉर्मर्स हैं और जो बटाई पर खेती करते हैं, उनको प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में ऐसे टेनेंट और शेयर क्रॉपर दोनों मिलाकर शेयर क्रॉपर 6 लाख 55 हजार 846 किसानों को लाभ दिया गया है, वहीं 41 लाख 62 हजार 814 किसानों को लाभ दिया गया है. 

फसलों की इतनी बढ़ी एमएसपी

शिवराज सिंह ने कहा कि दलहन और तिलहन खरीद के लिए पीएम आशा योजना बनाई है. तुअर, मसूर और उड़द की उपज 100% खरीदी जाएगी. एमएसपी पर, ये फैसला किया है, और बाकी भी जो फसलें दलहन, तिलहन की हों, उसे भी खरीदने की उचित व्यवस्था की गई है. हम लगातार प्रयत्न कर रहे हैं कि बिचौलिए सफल ना हो पाएं, किसानों को जो एमएसपी का रेट तय है, वो ठीक ढंग से मिले. चौहान ने आंकड़ों सहित बताया कि धान की एमएसपी 2013–14 में ₹1310 थी, अब बढ़कर ₹2369 हो गई है. बाजरा 1250 से ₹2775 हो गया. रागी की ₹1500 से बढ़ाकर ₹4886 कर दी गई. मक्का की ₹1310 से बढ़ाकर ₹2400 कर दी गई. तुअर की ₹4300 से बढ़ाकर ₹8000 कर दी गई. मूंग की ₹4500 से बढ़ाकर ₹8768 कर दी गई. उड़द ₹4300 से बढ़ाकर ₹7800 कर दी गई. मूंगफली की ₹4000 से बढ़ाकर ₹7263 कर दी गई. सूरजमुखी की ₹3700 से बढ़ाकर ₹7721 कर दी गई. सोयाबीन की ₹2560 से बढ़ाकर ₹5328 कर दी गई. तिल की ₹4500 से बढ़ाकर ₹9846 कर दी गई. रामतिल की ₹3500 से बढ़ाकर ₹9537 कर दी गई. कपास की ₹3700 से बढ़ाकर ₹7710 कर दी गई. ये एमएसपी दोगुनी तो की ही है, और खरीद भी कई गुना ज़्यादा की है. जब यूपीए सरकार थी, तो 10 साल में केवल 6 लाख मीट्रिक टन दलहन खरीदी थी, हमने 1 करोड़ 82 लाख मीट्रिक टन खरीद की है. 

बीमा क्लेम नहीं देने पर 12 परसेंट का ब्याज

केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि मोदी जी किसान हितैषी प्रधानमंत्री हैं, इसलिए पूर्व की फसल बीमा योजना को किसान हितैषी बनाकर उसमें अनेक परिवर्तन किए गए हैं. अब अगर बीमा कंपनी, किसान को जो क्लेम बनता है, उसका समय पर भुगतान नहीं करती तो निर्धारित तिथि के 21 दिन में भुगतान नहीं करने पर 12% ब्याज बीमा कंपनी पर लगाया जाएगा, जो किसान के खाते में डाला जाएगा. दूसरा, कई बार राज्य सरकार का शेयर आने में देर होती है, कुछ सरकार तो ऐसी हैं कि हम शेयर किसान का देंगे और दिया ही नहीं, जैसे आंध्र में जगन सरकार थी, तो मामला अटक गया था, अब हमने यह तय कर दिया कि राज्य सरकार अपना शेयर दे या ना दे, केंद्र सरकार अपना शेयर डाल देगी. राज्य सरकर भी अगर शेयर करने में देर करेगी तो 12% ब्याज उस पर भी लगेगा, जो किसान के खाते में जाएगा. 

शिवराज सिंह ने कहा कि अब हमने क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट की दिक्कतें दूर कर यसटेक (प्रौद्योगिकी आधारित उपज अनुमान) प्रणाली अपनाई है, सेटेलाइट आधारित रिमोट सेन्सिंग के माध्यम से हम फसल का आंकलन करेंगे, कोई आदमी बीच में नहीं होगा, जो क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट में गड़बड़ कर देता था, अब डिजिटली हम फसल की क्षति का आंकलन करेंगे और उसके आधार पर पूरी की पूरी भरपाई किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत की जाएगी.

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