यूपी सरकार की तरफ से किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं, ताकि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके. इसी क्रम में किसान रजिस्ट्री तैयार करने का अभियान जल्द शुरू किया जाएगा. मामले में उप्र के प्रमुख सचिव (कृषि) रविंद्र कुमार ने इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में राज्य में फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने का कार्य नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू किया जाएगा, जिससे किसानों को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिल सके. उन्होंने बताया कि डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य चल रहा था.
वहीं फार्मर रजिस्ट्री का काम रुका हुआ है. क्योंकि लेखपाल, सुपरवाइजर और सर्वेयर किसानों के खेतों का डिजिटल क्रॉप सर्वे के कार्य में व्यस्त थे. ऐसे में दोनों काम एक साथ नहीं हो सकता. ऐसे में अब दोबारा फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने के निर्देश दिए गए है. बता दें कि प्रदेश में 5 जुलाई से फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने का काम शुरू किया गया था.
प्रमुख सचिव (कृषि) रविंद्र ने बताया कि राजस्व विभाग के साथ जल्द ही बैठक करके आगे की कार्य योजना तैयार की जाएगी. क्योंकि किसानों के खेतों की नपाई और डाटा राजस्व विभाग के द्वारा दिया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि फार्मर रजिस्ट्री तैयार होने के बाद किसानों को फसली लोन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड एवं कृषि विकास के साथ ही अन्य लोन भी किसान को बड़ी आसानी से मिलेगा. इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश में वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य के तहत उत्पादन वृद्धि की रणनीति पर कार्य किया जा रहा है.
प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. प्रमुख सचिव (कृषि) ने बताया कि उत्तर प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में देश में अग्रणी है, लेकिन उत्पादकता में वृद्धि के लिए कृषि में निवेश की आवश्यकता है. उन्होंने दलहनी और तिलहनी फसलों के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रयास जारी है.
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