Budget 2023: क‍िसानों को म‍िलेगा तोहफा, 20 लाख करोड़ रुपये हो सकता है कृषि कर्ज देने का लक्ष्य 

Budget 2023: क‍िसानों को म‍िलेगा तोहफा, 20 लाख करोड़ रुपये हो सकता है कृषि कर्ज देने का लक्ष्य 

Agriculture Budget Expectations: केंद्र सरकार पीएम क‍िसान योजना के हर लाभार्थी को देना चाहती है क‍िसान क्रेड‍िट कार्ड. इसके ल‍िए बढ़ाया जा सकता है कृष‍ि कर्ज देने का टारगेट. सरकार की मंशा यह है क‍ि क‍िसानों को खेती के ल‍िए साहूकारों के सामने हाथ न फैलाना पड़े.  

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Budget 2023: क‍िसानों को म‍िलेगा तोहफा, 20 लाख करोड़ रुपये हो सकता है कृषि कर्ज देने का लक्ष्य बजट से क‍िसानों को क्या म‍िलेगा? (Kisan Tak).

एक फरवरी को पेश होने जा रहे आम बजट से कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों और क‍िसानों को बहुत उम्मीद है. इसमें केंद्र सरकार क‍िसानों के ल‍िए कई तोहफे और राहत दे सकती है. खासतौर पर लोन को लेकर. क्योंक‍ि अभी भी देश में बहुत सारे क‍िसान ऐसे हैं जो संस्थागत लोन से वंच‍ित हैं और वो खेती के ल‍िए साहूकारों से पैसा लेते हैं. ज‍िसके बदले उन्हें मोटा ब्याज लौटाना होता है. ऐसे में केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र को प्रोत्साह‍ित करने के लिए 2023-24 के बजट में कृषि लोन के टारगेट को 18 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर सकती है. आम बजट क फरवरी को पेश किया जाएगा. 

चालू वित्त वर्ष के लिए कृषि लोन देने का लक्ष्य 18 लाख करोड़ रुपये रखा गया है. सरकार हर साल कृषि कर्ज के टारगेट को बढ़ा रही है. ऐसे में इस बार भी इसे बढ़ाया जा सकता है. सूत्रों का कहना है क‍ि कम से कम 2 लाख करोड़ रुपये का इजाफा होगा. इसे बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जा सकता है. क्योंक‍ि सरकार ने पीएम क‍िसान योजना के हर लाभार्थी को क‍िसान क्रेड‍िट कार्ड देने का लक्ष्य रखा है और ऐसा करने के ल‍िए पैसा चाह‍िए. पीएम क‍िसान स्कीम के 9 करोड़ लाभार्थी हैं. 

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क‍िसानों तक सस्ता लोन पहुंचाने की कोश‍िश

केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के मुताब‍िक कृषि क्षेत्र के लिए संस्थागत ऋण जनवरी 2022 में 16.5 लाख करोड़ रुपये था, जिसे दिसंबर 2022 में बढ़ाकर 18.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया. किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और पीएम-किसान योजना को ल‍िंक क‍िया गया है. ताक‍ि ज्यादा से ज्यादा क‍िसानों तक सस्ते कृष‍ि कर्ज की पहुंच हो. इसकी कोशिश जारी है. 

इसके ल‍िए फरवरी 2020 से एक विशेष अभियान चलाया गया. जनवरी, 2022 तक इसके तहत 3,19,902 करोड़ रुपये की स्वीकृत क्रेडिट सीमा के साथ 291.67 लाख नए केसीसी आवेदन स्वीकृत किए गए थे. यह द‍िसंबर 2022 में काफी बढ़ गया. अब 4,33,426 करोड़ रुपये की स्वीकृत क्रेडिट सीमा के साथ 376.97 लाख नए केसीसी आवेदन स्वीकृत हो गए हैं. 

हर साल बढ़ रहा कृषि कर्ज का टारगेट   

सरकार कृष‍ि क्षेत्र को लोन देने के ल‍िए सालाना टारगेट तय करती है. इसमें फसल लोन का टारगेट भी शामिल होता है. हाल के वर्षों में कृषि लोन का टारगेट लगातार बढ़ता रहा है. कुछ साल ऐसे भी रहे हैं जब कृषि कर्ज देने का आंकड़ा लक्ष्य से अधिक रहा है. उदाहरण के लिए वित्त वर्ष 2016-17 को ले सकते हैं. जब नौ लाख करोड़ रुपये के कृष‍ि कर्ज के टारगेट के व‍िपरीत 10.66 लाख करोड़ रुपये बांटे गए. इसके बाद 2017-18 में इसे बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये क‍िया गया. लेकिन उस साल भी किसानों को उससे अध‍िक 11.68 लाख रुपये का कृष‍ि कर्ज द‍िया गया. 

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क‍ितने ब्याज पर म‍िलता है कृष‍ि कर्ज 

(पहले आमतौर पर क‍िसान साहूकारों से लोन लेते थे. ज‍िसका ब्याज ज्यादा लगता था. ऐसे में सरकार ने क‍िसान क्रेड‍िट कार्ड स्कीम शुरू की. ज‍िसके तहत क‍िसानों को स‍िर्फ 4 फीसदी ब्याज पर लोन देने की शुरुआत की गई. सरकार इस समय इस ब्याज पर तीन लाख रुपये तक का लघु अवधि फसल लोन देती है. लेक‍िन, इतना कम ब्याज तभी लागू होता है जब क‍िसान समय पर बैंक को पैसा वापस कर दे. 

आमतौर पर खेती से जुड़े कार्यों के लिए कर्ज 9 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाता है. लेकिन सरकार किसानों को सस्ता कर्ज उपलब्ध कराने के लिए लघु अवधि के फसल ऋण पर ब्याज सहायता देती है. ज‍िससे यह काफी कम हो जाता है. क‍िसानों को 1.6 लाख रुपये तक के लोन पर कोई गारंटी नहीं देनी पड़ती. 

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