UP News: किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने के लिए पावर कॉरपोरेशन रजिस्ट्रेशन की शर्तों पर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा का बड़ा बयान सोमवार को सामने आया है. इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में बीकेयू नेता हरिनाम सिंह ने कहा कि बीते दिनों मुख्य सचिव मनोज सिंह से मुलाकात के दौरान उन्होंने पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल को निर्देश देते हुए कहा कि जो रजिस्ट्रेशन के लिए जो शर्तें लगाई गई हैं, उन्हें ऐसा बनाया जाए, जिससे किसान इस योजना में शामिल होने के लिए आगे आएं.
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि 1 अप्रैल 2023 को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के निजी नलकूपों की बिजली माफ कर दिया तो रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में कड़े नियम बनाने का कोई मतलब नहीं होता. आज प्रदेश में कुल 15 लाख किसानों को बिजली के कनेक्शन दिए गए हैं. तो उन किसानों के आधार कार्ड समेत कई दस्तावेज पावर कॉरपोरेशन के पास मौजूद है. ऐसे में नए नियम के तहत किसानों को फ्री बिजली देने में समय नहीं लगाना चाहिए, बल्की प्रक्रिया को सरल बनाकर किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलना चाहिए.
इसपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने रजिस्ट्रेशन की शर्तों को आसान बनाने के निर्देश मुख्य सचिव ने पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल को दिए हैं. निर्देशों में कहा गया है कि रजिस्ट्रेशन के लिए जो शर्तें लगाई गई हैं, उन्हें ऐसा बनाया जाए, जिससे किसान इस योजना में शामिल होने के लिए आगे आएं. किसान नेता हरिनाम सिंह वर्मा का कहना है कि सिंचाई के लिए बिजली का इस्तेमाल मीटर की रीडिंग देखकर नहीं किया जा सकता है.
भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश का किसान निजी नलकूपों का बिजली बिल नहीं देगा. जो भी दस्तावेज किसानों के पावर कॉरपोरेशन के पास है उसी को आधार मानकर रजिस्ट्रेशन कर लिया जाए. उन्होंने कहा कि कुछ किसानों को बिजली बिल भेजा जा रहा है. एक भी किसान बिजली बिल का भुगतान नहीं करेगा, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही किसानों का बिजली बिल माफ कर चुके है.
1- किसानों को मीटर लगाना अनिवार्य होगा.
2- प्रति कनेक्शन एक निर्धारित सीमा तक ही बिजली के उपभोग पर 100% की छूट.
बता दें कि पूरे प्रदेश में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में सबसे अधिक 5.05 लाख किसानों के पास सिंचाई कनेक्शन हैं. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 3.76 लाख, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में 3.20 लाख और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत 2.93 लाख किसान हैं. कुल मिलाकर प्रदेश में करीब 15 किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली कनेक्शन योजना का लाभ दिया जा रहा है.
मार्च में सीएम योगी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट मीटिंग में ट्यूबवेल से सिंचाई और कृषि कार्यों के लिए मुफ्त बिजली के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. वहीं बजट में भी योगी सरकार की ओर से मुफ्त सिंचाई के लिए 1100 करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था की गई थी. इसे देखते हुए अप्रैल से किसानों को मुफ्त सिंचाई की सुविधा मिलने लगी है.
उधर, नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कृषि पोषकों (एग्रीकल्चर फीडर) पर 10 घंटे के स्थान पर अब 12 घंटे विद्युत आपूर्ति देने की घोषणा की है. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में कम वर्षा होने के कारण किसानों को धान की रोपाई, सिचाई और अन्य क़ृषि कार्यों में कोई समस्या न हो, इसके लिए कृषि फीडरों के निर्धारित 10 घंटे विद्युत आपूर्ति के शेड्यूल में 2 घंटे और बढ़ाकर अब 12 घंटे बिजली दी जाएगी.
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