कस्टम हायरिंग सेंटर,​ कृषि यंत्र बैंक​ खोलने के लिए मिल रही 40 से 80 प्रतिशत की सब्सिडी,यहां करें आवेदन 

कस्टम हायरिंग सेंटर,​ कृषि यंत्र बैंक​ खोलने के लिए मिल रही 40 से 80 प्रतिशत की सब्सिडी,यहां करें आवेदन 

​​बिहार सरकार ​कृषि यंत्र बैंक​,कस्टम हायरिंग सेंटर ​खोलने के लिए 40 से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है. इस योजना का लाभ पाने के लिए कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर  31 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं. ​

Advertisement
कस्टम हायरिंग सेंटर,​ कृषि यंत्र बैंक​ खोलने के लिए मिल रही 40 से 80 प्रतिशत की सब्सिडी,यहां करें आवेदन फोटो : किसान तक

आज हर कोई कम समय में अधिक उत्पादन लेने के लिए मशीनीकरण की ओर रुख कर रहा है. वहीं सरकार भी परंपरागत खेती के तरीके में बदलाव लाते हुए किसानों को ​​मशीनीकरण और नई कृषि तकनीकों से जोड़​ रही है, जिससे कम मेहनत में  ​अधिक ​फसल ​का ​उत्पादन ​ले ​सके​. ​और इसके लिए सरकार कृषि यंत्र और उपकरणों पर अनुदान भी दे रही है. वहीं राज्य सरकार ​​कस्टम हायरिंग​ सेंटर और कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के लिए सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना' (2022-23) ​के तहत ​40 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है,जिससे की  किसान तकनीक-मशीनीकरण से जुड़कर आत्मनिर्भर  ​बन सके.​

बता दें कि ​कस्टम हायरिंग​ सेंटर और ​कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के लिए विभिन्न संगठन व समूह के सदस्य आर्थिक मदद के लिए आवेदन कर सकते हैं. जिनमें मुख्य तौर से ​राष्ट्रीयकृत बैंक से जुड़े किसान क्लब​, ​​किसान उत्पादक संगठन (FPO)​,​उद्यमी और प्रगतिशील किसान​,​ग्राम संगठन​,​ जीविका समूह​,​ ​क्लस्टर फेडरेशन, नाबार्ड​​, आत्मा से जुड़े फार्मर इंट्रेस्ट ग्रुप (FIG),​ ​स्वयं सहायता समूह,​ सहित प्रगतिशील कृषक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. ​

ये भी पढ़ें: रामलला को कैमूर के सोनाचूर चावल से लग रहा भाेग, इधर इसकी खेती से दूरी बना रहे क‍िसान

इन जिलों को ​​​​कृषि यंत्र बैंक ​स्थापना के लिए ​​मिलेगा अनुदान 

​इस योजना के तहत राज्य सरकार ​के द्वारा 25 जिलों को चयनित किया गया है. इन जिलों के चयनित गांव में ​​कुल 160 कृषि यंत्र बैंक की स्थापना की जाएगी​. कृषि यंत्र बैंक की स्थापना को लेकर 10 लाख रुपए निर्धारित किया गया, जिस पर करीब 8 लाख रुपए यानी 80  प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है. वहीं इस योजना का लाभ अरवल, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गोपालगंज, जहानाबाद, कैमूर, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, नालंदा, पश्चिमी चम्पारण, पटना, पूर्वी चम्पारण​, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण,शिवहर,सीवान, सुपौल, एवं वैशाली जिले के लोग ले सकते हैं. ​

फसल अवशेष प्रबंधन के लिए​ 40 से 80 ​प्रतिशत तक अनुदान 

​​फसल अवशेष प्रबंधन के लिए ​राज्य के 9 जिलों में 21 ​​​​​स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित ​किए जाएंगे​.​ ​जिनमें ​औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर, गया, कैमूर, नालंदा, नवादा, पटना, एवं रोहतास के लिए योजना कार्यरत है. वहीं प्रति इकाई सेंटर स्थापन की लागत 20 लाख रुपए निर्धारित की गई है. ​इसमें 55 PTO ​HP तक के ट्रैक्टर पर 40 प्रतिशत तक सब्सिडी यानी 3.40 लाख रुपए और बाकी कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत यानी 12 लाख रुपए तक अनुदान दी जा रही है. ​इसके साथ ही कृषि यंत्र बैंक के लिए फसल अवशेष के चिन्हित यंत्रों में से कम से कम तीन यंत्रों का क्रय करना अनिवार्य है. ​​​​

​कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए​ मिल रही इतनी ​सब्सिडी

राज्य के सभी जिलों में कुल 150 कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना के तहत अधिकतम खर्च 10 लाख रुपये निर्धारित किया गया है, जिस पर 40% सब्सिडी यानी 4 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा. 

​ इस वेबसाइट से  करें ऑनलाइन आवेदन ​

 ​​​फसल अवशेष प्रबंधन​,कस्टम हायरिंग सेंटर​ एवं ​​कृषि यंत्र बैंक ​​​खोलने के लिए कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट​​ ​http:​//farmech.bih.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन ​​कर सकते हैं, जिसकी अंतिम तारीख 31 जनवरी 202​3 हैं. इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए जिले के जिला कृषि पदाधिकारी या कृषि अभियांत्रिकी के सहायक निदेशक से भी संपर्क कर सकते हैं.​ वहीं प्रत्येक ​कृषि यंत्र बैंक के​ लिए फसल चक्र के अनुसार ट्रैक्टर चलित या स्वचालित जुताई, ​बुआई​/ ​रोपनी​, हार्वेस्टिंग और थ्रेसिंग से जुड़े एक​ ​​कृषि यंत्र​ लेना ​अनिवार्य है.

ये भी पढ़ें:

 

POST A COMMENT