Bihar News: उपमुख्यमंत्री ने विकसित कृषि संकल्प अभियान का किया शुभारंभ, 4,662 गांव में घूमेंगे कृषि वैज्ञानिक 

Bihar News: उपमुख्यमंत्री ने विकसित कृषि संकल्प अभियान का किया शुभारंभ, 4,662 गांव में घूमेंगे कृषि वैज्ञानिक 

Bihar News: बिहार में विकसित कृषि संकल्प अभियान का शुभारंभ. 15 दिनों में राज्य के 44 कृषि विज्ञान केंद्रों की 104 टीमें  जो 4,662 गांवों में जाकर किसानों को कृषि से जुड़ी जानकारी देंगे.

Advertisement
उपमुख्यमंत्री ने विकसित कृषि संकल्प अभियान का किया शुभारंभ, 4,662 गांव में घूमेंगे कृषि वैज्ञानिक विकसित कृषि संकल्प अभियान का शुभारंभ

Bihar News: देश स्तर पर आज से "विकसित कृषि संकल्प अभियान" की शुरुआत हुई, जिसके तहत कृषि से जुड़ी योजनाओं और आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा. बिहार के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पटना स्थित कृषि भवन से राज्य स्तर पर इस अभियान की शुरुआत की. केंद्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस अभियान के तहत पहली बार प्रत्येक जिले के कृषि वैज्ञानिक 29 मई से 12 जून 2025 तक विभिन्न जिलों के खेतों का दौरा करेंगे और किसानों को खेती से जुड़ी जानकारियों और सरकारी योजनाओं से अवगत कराएंगे.

कृषि के इतिहास में नई शुरुआत

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आज का दिन कृषि इतिहास में एक नई शुरुआत का प्रतीक है. "विकसित कृषि संकल्प अभियान" सिर्फ एक योजना नहीं रहेगी बल्कि किसानों की आत्मनिर्भरता और गौरव का प्रतीक बनेगी. उन्होंने कहा कि किसान अब सिर्फ ग्रामीण नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माता हैं. गांवों की समृद्धि देश के विकास का आधार बनेगी. इस अभियान का उद्देश्य खरीफ फसलों का उत्पादन बढ़ाना है. इसके तहत किसानों को नई कृषि तकनीक, सरकारी योजनाओं और अनुदानों की जानकारी दी जाएगी, साथ ही उनके सुझावों और नवाचारों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: अब सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों का हमला भी आपदा लिस्ट में शामिल, 4 लाख मिलेगा मुआवजा

4,662 गांवों में पहुंचेंगे कृषि वैज्ञानिक

विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि भारतीय कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), पटना के अंतर्गत बिहार के 44 कृषि विज्ञान केंद्रों की 104 टीमें बनाई गई हैं, जो 4,662 गांवों में जाकर किसानों को जानकारी देंगी. ये टीमें स्थानीय कृषि-जलवायु परिस्थितियों, मिट्टी के पोषक तत्वों, पानी की उपलब्धता और वर्षा के पैटर्न का आकलन करेंगी. साथ ही मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर उपयुक्त फसलों, उन्नत बीजों, आदर्श बुवाई तकनीक और संतुलित उर्वरक उपयोग के बारे में सलाह देंगी.

ये भी पढ़ें: सरकार ने गेहूं स्‍टॉक लिमिट बढ़ाने में दी भारी छूट, जानिए अब कितना भंडारण कर सकेंगे व्‍यापारी

“लैब टू लैंड” के विजन को साकार करने की तैयारी

कृषि सचिव अग्रवाल ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य "लैब टू लैंड" की परिकल्पना को साकार करना है. यह अभियान दोतरफा संवाद के रूप में तैयार किया गया है, जिसमें किसान अपनी चुनौतियों को साझा करेंगे, सवाल पूछेंगे और कीट संक्रमण जैसी क्षेत्रीय समस्याओं के बारे में जानकारी देंगे. साथ ही यह भविष्य के शोध के लिए भी उपयोगी होगा. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनूप दास ने कहा कि यह अभियान बिहार और झारखंड के किसानों के लिए लाभकारी होगा. इससे कृषि वैज्ञानिकों को जमीनी स्तर पर समस्याओं को समझने और किसानों को नई तकनीकों और योजनाओं के बारे में जानकारी देने में मदद मिलेगी.

POST A COMMENT